हाथ ठेला व दुकानों के प्रतिबंध क्षेत्र 200 मीटर की सीमा खींची
दमोहPublished: Jan 17, 2022 09:46:29 pm
घंटाघर के ईद-गिर्द सड़क पर हाथ ठेला व फुटपाथी दुकानें के दिए निर्देश
The restriction area of hand carts and shops was drawn to the limit of
दमोह. शहर का मुख्य बाजार घंटाघर के ईद-गिर्द 5 रास्तों पर संचालित होता है। यहां दुकानों के सामने ही सब्जी की फुटपाथी दुकानें व हाथठेला खड़े हो जाते हैं। पिछले दिनों कलेक्टर एसकृष्ण चैतन्य ने घंटाघर के ईद-गिर्द हाथ ठेला व फुटपाथी दुकानों को 200 मीटर दायरे में प्रतिबंधित किया था। जिसके पालन में यातायात पुलिस ने 200 मीटर की सीमा रेखा तो खींच दी है, लेकिन इसके अंदर लग रहे हाथ ठेला हटाने की कवायद नहीं की जा रही है।
दमोह शहर का बाजार पुराने शहर में ही संचालित है। कपड़ा, सोना, चांदी सहित श्रंगार सामग्री का बाजार महज आधा किमी के दायरे में स्थित है। इस दायरे में सड़कों के किनारे ही बाजार स्थित है, जो संकीण रास्तों के रूप में है। क्योंकि जिनकी दुकान और मकान हैं। वह अपने सामने फल सब्जी वालों को बैठने देते हैं। वहीं इसी के बगल में हाथ ठेले लग जाते हैं। वर्तमान में घंटाघर के बूंदाबहू साइड का अतिक्रमण हटाया गया था, यहां का अतिक्रमण हटने के बाद लाइन से यहां भी ठेले खड़े होने लगे हैं, जिनकी दूरी घंटाघर से महज 5 मीटर है। दूसरी साइड पर चाट पकौड़ी के स्थायी ठेले खड़े हो रहे हैं। शाम होते ही यहां मूंगफली व अन्य ठेले लगने लगते हैं। दिन भर सब्जी व फल के ठेले घंटाघर के ईद-गिर्द 100 मीटर से भी कम दायरे में मंडराते हुए नजर आते हैं।
सीमा रेखा खींची गई
सोमवार को यातायात पुलिस द्वारा घंटाघर से दूरी मापकर 200 मीटर पर बार्डर लाइन खींची गई है। अभी अस्पताल चौक व मांगज स्कूल तक ही लाइन खींची गई है। इसके साथ तीन अन्य रास्तों पर भी लाइन खींची जाएगी। जो हाथ ठेला लगने के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र माना जाएगा। सोमवार को जिस क्षेत्र में लाइन खींची गई थी, वहीं पर हाथ ठेला लगे हुए थे, जो इस लाइन से अनभिज्ञ नजर आ रहे थे।
कई प्रयोग सब हुए विफल
दमोह शहर के घंटाघर के ईद-गिर्द ही पूरा बाजार स्थित होने से यहां की सड़कें खाली करने के लिए कई प्रयोग किए गए हैं। बाजार में यातायात अवरुद्ध करने के जिम्मेदार फुटपाथी दुकानदारों व हाथ ठेला वालों को नियत स्थान बनाया गया। कचौरा शॉपिंग सेंटर पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए और व्यवस्थित बाजार बनाया गया। लेकिन कुछ दिन पूर्व कलेक्टरों की सख्ती से ठीक चला, फिर जैसे ही अधिकारियों की सख्ती कम हुई फिर यथावत बाजार सड़कों पर आ गया। सब्जी बाजार के लिए उमामिस्त्री की तलैया भी निर्धारित की गई थी। हालांकि यहां साप्ताहिक रविवार बाजार अब भी भरता है, लेकिन आम दिनों में सड़कों पर ही बाजार संचालित होता रहता है।
हर पल बनती रहती है जाम की स्थिति
घंटाघर के ईद-गिर्द बाजार संकीर्ण रास्तों में होने के कारण यहां से कार या दो चार ऑटो निकलने के साथ ही जाम लग जाता है, क्योंकि सड़कों के दोनों ओर फुटपाथ पर दुकानें लगी रहती हैं, दुकानदार भी अपनी दुकानों को फुटपाथ तक आगे बढ़ाए रहते हैं, वह अपनी सामग्री भी बाहर टांगते हैं।
कोविड नियम का उल्लंघन हो रहा
संकीर्ण रास्तों पर बाजार लगने और हर पल जाम लगने के कारण कोविड का सोशल डिस्टेंस भी हर पल टूटता है। बाजार में हाथ ठेला प्रतिबंध के साथ ही दुकानदारों के लिए मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग व हाथ सैनेटाइजर करने के निर्देश दिए थे, लेकिन किसी भी दुकान पर तीनों कोविड व्यवहार नियम के पालन कराने की औपचारिकता भी नहीं की जा रही है।