scriptशहर का सौंदर्य बरकरार रखने वाला बेलाताल में सिमट रहा जल | The water that keeps the beauty of the city in Belatal is shrinking | Patrika News
दमोह

शहर का सौंदर्य बरकरार रखने वाला बेलाताल में सिमट रहा जल

सौंदर्यीकरण की अनेक योजनाओं पर करोड़ों हो चुके हैं खर्च
 

दमोहMay 08, 2022 / 08:36 pm

Rajesh Kumar Pandey

The water that keeps the beauty of the city in Belatal is shrinking

The water that keeps the beauty of the city in Belatal is shrinking

दमोह. शहर का बेलाताल सौंदर्यीकरण व लोगों की आवोहवा बदलने का प्रमुख साधन है। इस तालाब के पानी का उपयोग मानवीय उपयोग के लिए नहीं किया जाता है, लेकिन यह तालाब शहर का प्राकृतिक वातावरण बनाए रखने और सुकून के कुछ क्षण बिताने वालों के लिए आवश्यक है, जिसका दायरा वर्तमान में सिमटता जा रहा है।
नगर पालिका परिषद द्वारा गर्मियों में तालाबों की सफाई और रख रखाव के नाम पर बड़ी राशि स्वीकृत की है। फुटेरा तालाब की सफाई के लिए भी बड़ी राशि खर्च कर दी गई है, जिसमें केवल इस तालाब की चोई हटाई गई थी। लेकिन सफाई के बाद भी तालाब की दुर्दशा कम नहीं हुई है। तालाब के चारों ओर से फैंके जाने वाले कचरे व मिट्टी चरण के कारण इसका दायरा सिमटता हुआ दिखाई दे रहा है।
बेलाताल का पानी हो चुका खराब
दमोह शहर के बेलाताल की ऊपरी चोई हटाए जाने का उपक्रम तो अमुमन हर साल होता है, लेकिन इसकी खुदाई कर इसके गहरीकरण पर ध्यान नहीं दिया जाता है। 2011 में पत्रिका अमृत जलमं के तहत इसके किनारे की खुदाई कराई गई थी। 2015 में दमोह सांसद प्रहलाद सिंह पटेल द्वारा इस तालाब को गोद लिया गया तब यहां खुदाई हुई थी। इसके साथ ही इसमें मिलने वाले गंदे पानी के स्रोत व इसके अन्य स्रोतों को बंद कर दिया गया था। इसके बाद इस तालाब की ओर ध्यान नहीं दिया गया केवल चोई हटाने के काम पर लाखों रुपए खर्च किए जाने से तालाब अपने किनारों से सिमटता जा रहा है।
सिविल वार्ड में कभी नहीं रहा जलसंकट
बेलाताल तालाब का पानी भले ही मानवीय उपयोग में न आ रहा हो लेकिन इसके किनारे पर सिविल वार्ड क्षेत्र में कभी भी जलसंकट की स्थिति नहीं रही है। यह तालाब भू-गर्भीय जलस्रोतों को बढ़ाने के लिए काफी लाभ दायक साबित होता है, जिससे गर्मियों में भी इस क्षेत्र में कभी भी जल संकट की स्थिति नहीं बनी है।
सौंदर्यीकरण के लिए हो चुके प्रयास
बेलाताल तालाब व सर्किट हाऊस क्षेत्र शहर के लोगों को सुबह-शाम सैर करने का स्पाट है। इस तालाब को आकर्षित बनाने के लिए भाजपा शासन काल में सबसे ज्यादा काम हुए हैं। तत्कालीन पटवा सरकार के तत्कालीन मंत्री जयंत मलैया द्वारा यहां वोट से लेकर फाउंटेन तक लगाए गए हैं, लेकिन यह सौंदर्यीकरण भी कुछ समय के लिए गायब हो गया। इसके बाद तत्कालीन दिग्विजय सिंह कांग्रेस सरकार के दौर में तत्कालीन वन मंत्री रत्नेश सालोमन द्वारा यहां पर वन्य प्राणियों का एक जू बनाया गया। इसके बाद वर्तमान में पर्यटन विभाग द्वारा भी इस तालाब पर फाउंटेन सहित अन्य सौंदर्यीकरण के कार्य स्वीकृत किए गए हैं, जो भी ठंडे बस्ते में पड़े हैं।
 

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