पत्नी को था गोरे रंग का गुमान सांवले पति से चाह रही थी तलाक
दमोहPublished: Jul 11, 2021 11:20:47 am
कब के बिछड़े नेशनल लोक अदालत में आके मिले
The wife had a fair complexion, was seeking divorce from her dark
दमोह. लोक अदालत इस बार भी दो बिछड़े दंपत्ती को फिर से एक करने में कारगर रही है। दरसल अशोक का विवाह दमोह के बांदकपुर की क्रांति के साथ 2017 हुआ था। लेकिन विवाह में पति का सांवला रंग नवविवाहिता को रास नहीं आया। बस यहीं से दोनों में छोटे-छोटे झगड़े शुरू हुए। घर की लड़ाई चारदीवारी से निकलकर अदालत तक पहुंच गई 2018 से 2021 तक दोनों पक्षों में मुकदमे बाजी होती रही। दहेज के मामले से लेकर घरेलू हिंसा और मेंटनेंस के मुकदमे दोनों पक्षो में चले वहीं बात तलाक तक पहुंच गई। वर पक्ष ने लड़की को कभी साथ न रखने की जिद पकड़ ली। वहीं पति भी कहने लगा कि मेरी पत्नी को यदि रूप का गुरुर है, तो मैं भी इसके साथ नहीं रहूंगा। अंततोगत्वा मामला अदालत में चलते चलते ढाई साल हो गए तब पति पक्ष के अधिवक्ता मनीष नगाइच ने दोनों को बिठाकर उनका पक्ष सुना और मीडिएशन कर कुछ दिन साथ-साथ रहने को राजी किया और तरकीब काम कर गई। पिछले 06 माह पूर्व दोनों जाके दिल्ली में रहे। इस बीच पत्नी गर्भवती हुई दोनों की खटास अब मिठास में बदल चुकी थी। वही लोक अदालत के बारे में जानकारी होने पर दोनों पक्ष न्यायालय पहुंचे और प्रधान न्यायाधीश भगवत प्रसाद पांडेय व सामाजिक कार्यकर्ता राजेश खरे की लोक अदालत पीठ में हाजिर हुए अधिवक्ता मनीष नगाइच व मुकेश पांडेय द्वारा राजीनामा प्रपत्र प्रस्तुत कर दोनों को विदा किया।
जब न्यायालय परिवार बना राजीनामा का गवाह
दोनों पक्षों में राजीनामा होने के बाद उन्हें प्रधान न्यायाधीश भगवत प्रसाद पांडेय, अपर सत्र न्यायाधीश नवीन परासर व रजनी प्रकाश बाथम की उपस्थिति में वर माला डाली गई। न्यायालय परिवार ढोल नगाड़ों के साथ मंदिर पहुँचा व दोनों पक्षों को उनके सुखद वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद दिया।
राजीनामा पर मिली फलदार पौधे की भेंट
विधिक सेवा की ओर से दोनों पक्षो को न्याधीश रजनी प्रकाश बाथम द्वारा आम का पौधा भेंट में देकर विदाई की। प्रकरण के सफल राजीनामा के लिए अधिवक्ता मनीष नगाइच, पुष्पेंद्र अठ्या, लक्ष्मीकांत तिवारीए व पंकज खरे ने समझाइशा व मीडिएशन के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।