वहीं घाटों से सटकर तालाब के पानी में भी गंदगी का अंबार लगा हुआ है। जबकि यह तालाब लोगों के धार्मिक आस्था का भी केंद्र है। तालाब से सटकर बड़ी देवी मंदिर व अन्य देवताओं के मंदिर हैं जिस कारण यहां पर अल सुबह से देर रात तक लोगों का आना जाना रहता है।
खासतौर से घाटों की गंदगी जल में दीपदान करने वाले भक्तों को अधिक परेशानी बन रहा है। लोगों ने बताया है कि तालाब की सफाई के लिए कभी कभार कुछ संस्थाएं पहुंचतीं हैं। जिनके सदस्य आधा घंटे श्रमदान कर तालाब के पानी से गंदगी निकालते हैं, लेकिन उसे घाट पर ही छोड़ देते हैं।
तालाब पर सिंगाड़े व मछली पालन करने वाले मछुआरों ने बताया है कि तालाब की शैवाल को उनके द्वारा निकाला जा रहा है, लेकिन नपा के सफाई विभाग द्वारा घाटों पर जमा गंदगी को नहीं हटाया जा रहा है। जबकि कई बार नपा अधिकारियों से सफाई का निवेदन किया जा चुका है।
विदित हो कि तालाब की सफाई व्यवस्था दुरस्त करने तालाब क्षेत्र का सौंदर्यकरण करने के लिए लगभग डेढ़ माह पहले कलेक्टर तरूण राठी ने नगरपालिका अधिकारी कपिल खरे को निर्देश दिए थे। कलेक्टर व तहसीलदार डॉ. बबीता राठौर व सीएमओ कपिल खरे द्वारा तालाब के सौंदर्यकरण को लेकर मौका निरीक्षण किया गया था और इसी दौरान कलेक्टर द्वारा सीएमओ को विशेष निर्देश दिए थे। लेकिन अभी तक न ही तालाब के घाटों की सफाई हुई है और न ही सौंदर्यकरण को लेकर कोई प्रयास किए गए हैं।