आदेश में यह किया उल्लेख
भूरी बीट में सतधरू नदी रेवझा घाट के पास जो शहर से लगभग 10 से 15किमी पर है, जहां शेर के द्वारा आनंद पाठक की गाय का शिकार किया गया है। आगे किसी प्रकार की जन हानि, पशु हानि ना हो पाए इसकी जिम्मेदारी के तहत दिन के २ बजे से रात १० बजे तक आगामी आदेश जारी होने तक शेर की मूवेंट की गतिविधियों पर नजर रखेंगे और कार्यालय को अवगत कराएंगे।
यहां विदित हो कि आदेश में एसडीओ धु्रवे द्वारा बाघ को शेर बताया गया है, जबकि पन्ना टाइगर से भागा बाघ भूरी बीट पहुंचा है। खासबात यह है कि एसडीओ धु्रवे को ही वन्यप्राणियों के विषय जानकारी का अभाव है, क्योंकि बाघ देश का राष्ट्रीय पशु है जिसके संबंध में प्राइमरी स्कूल के बच्चे भी अवगत रहते हैं।
एसडीओ फॉरेस्ट जीएस धु्रवे से पत्रिका की बात
रिपोर्टर- आपने जो आदेश जारी किया है उसमें भूरी बीट में बाघ है या शेर है।
एसडीओ- बाघ लोकल नाम है, गांव वाले बाघ बोलते हैं, जबकि इसको शेर बोलते हैं।
रिपोर्टर- कर्मचारी कह रहे हैं कि शेर को ‘लॉइन कहते हैं अन्य भाषा में।
एसडीओ- नहीं ‘लॉइन सिर्फ सिंह को कहा जाता है, शेर को ‘लॉइनÓ नहीं कहा जाता है।
रिपोर्टर- तो आपके अनुसार लॉइन कहां पाया जाता है और शेर कहां पाया जाता है
एसडीओ- शेर जो विभिन्न राज्यों में है, उड़ीसा, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, मप्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में और तमाम राज्यों में है, लेकिन सिंह सिर्फ गुजरात में पाया जाता है। बाघ को ही शेर कहा जाता है।
नौरादेही पहुंचा बाघ
मामले में बाघ की मौजूदगी से संबंध एसडीओ धु्रवे ने बताया है कि वह अब नौरादेही अभयारण्य की सीमा में दाखिल हो चुका है। लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि अभी किस स्थान पर है।