सतधरू परियोजना से साढ़े सात हजार हैक्टेयर भूमि को लाभ
सतधरू परियोजना का कार्य डेढ़ वर्ष के भीतर पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। मंत्री जयंत मलैया ने बताया है कि इस परियोजना से ७ हजार ५५५ हैक्टेयर कृषि भूमि को सिंचित किया जाएगा। इसके अलावा इस परियोजना के जरिए १०० गांव की सामूदायिक पेय जल योजना को भी पूरा किया जाएगा। वहीं ६५ गांव की कृषि भूमि को सिंचाई का लाभ मिलेगा। विदित हो कि इस परियोजना का भूमिपूजन वित्तमंत्री जयंत मलैया द्वारा किया जा रहा है।
सीतानगर परियोजना को मिली हरीझंडी
जिले की सिंचाई परियोजनाओं में से प्रमुखसीतानगर परियोजना के प्रस्ताव को भी सर्वोच्च कमेटी द्वारा हरीझंडी दे दी गई है। बताया गया है कि इस परियोजना को ५०० करोड़ की लागत से तैयार किया जाना है। मंत्री मलैया के मुताबिक आगामी दो चार माह के भीतर ही इस परियोजना का कार्य शुरू कर दिया जाएगा और संभवत: जुलाई माह में इस परियोजना के निर्माण के लिए टैंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इस परियोजना से ९ हजार ९५० हैक्टेयर भूमि को ङ्क्षसचित किया जाएगा।
पंचमनगर परियोजना से सिंचाई कार्य आरंभ
जिले के बटियागढ़ तहसील, हटा तहसील व पथरिया तहसील की २५ हजार हैक्टेयर कृषि भूमि को पंचमनगर परियोजना से सिंचित किए जाने का कार्य हाल ही के करीब डेढ़ माह पहले से शुरू किया गया है। दमोह जिले की तहसील क्षेत्रों के अलावा सागर जिले की बंडा तहसील क्षेत्र के दर्जनों गांव की कृषि भूमि को भी इस परियोजना का लाभ दिया जा रहा है। इस परियोजना को ६७५ करोड़ की लागत से पूरा किया गया है।
इन दो परियोजनाओं का भी विशेष महत्तव
जलसंसाधन विभाग की प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं में ३६६ करोड़ की साजली मध्यम सिंचाई परियोजना व २४० करोड़ की जूड़ी मध्यम सिंचाई परियोजना शामिल है। बताया गया है कि साजली परियोजना से ९ हजार ९५० व जूड़ी परियोजना से ८ हजार ५०० हैक्टेयर भूमि को सिंचाई का लाभ दिया जाएगा। इन सभी योजनाओं को वर्ष २०२१-२२ तक पूरा कर लिया जाना बताया गया है।
यह है सिंचाई का रकबा
जिले में जलसंसाधन विभाग के अलावा अन्य विभागों ेके द्वारा भी सिंचाई का कार्य पूरा कराया जा रहा है। जल संसाधन विभाग द्वारा जिले की ४७ हजार १८८ हैक्टेयर भूमि, ग्रामीण विकास विभाग द्वारा २७ हजार हैक्टेयर भूमि, कृषि विभाग द्वारा २०० हैक्टेयर भूमि नदियों नालों से ५२ हजार ११२ हैक्टेयर भूमि व निजी संसाधनों से ४१ हजार हैक्टेयर भूमि को सिंचित किया जा रहा है। सभी को मिलाकर १ लाख ६९ हजार ३०० हैक्टेयर भूमि को वर्तमान में ङ्क्षसचित किया जाना बताया गया है। जिले की विभिन्न परियोजनाओं की जानकारी देते हुए वित्तमंत्री जयंत मलैया ने कहा कि मैं सतधरू परियोजना के निर्माण को लेकर शुरूआत के समय मैं हताश होने लगा था, लेकिन यह परियोजना पूरा करना ही मेरा ड्रीम था, काफी प्रयासों के बाद वन विभाग से भूमि अर्जित की गई, इसके लिए करीब ९० करोड़ वन विभाग को दिए गए। काफी प्रयासोंं के बात यह परियोजना स्वीकृत हुई।