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20 मिनट के आंधी तूफान से सड़क पर बिछ गए पेड़

locationदमोहPublished: Jun 09, 2020 10:12:19 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar Pandey

गुमटियां हवा में उड़कर बिखर गईं

Trees left on the road due to 20 minute storm

Trees left on the road due to 20 minute storm

दमोह/ खड़ेरी. तेज आंधी तूफान व बारिश ने ऐसा कहर ढाया कि बटियागढ़ ब्लॉक के खड़ेरी -आलमपुर सहित अन्य सड़कों पर पेड़ ऐसे बिछ गए जैसे मानों किसी ने बैरियल लगा दे हों। मंगलवार की शाम 6.४० से लेकर 7 बजकर 5 मिनट तक जिन्होंने भी तूफान देखा उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि मानों कुछ देर के लिए प्रलय आ गया हो।
खड़ेरी खबर सैनानी उस दौरान खुले में थे, जब तूफान आया तो पेड़ टूटकर गिर रहे थे। खड़ेरी बस स्टैंड पर रखी गुमटियां हवा में उड़ रही थीं। लोगों के घरों पर बिछे टीन शेड हवा में उड़कर कई फुट दूर जा रहे थे। खपरैल छतों के खपरे उड़कर बिखर रहे थे। जिससे लोग बचाव के लिए यहां वहां भाग रहे थे। इसी बीच एक पेड़ की डाल 11 केवी बिजली लाइन पर गिरी। जिससे तार टूटकर गिर गया। हालांकि आंधी तूफान शुरू होते ही बिजली गुल हो गई थी, जिससे लोगों को करंट नहीं लगा पाया है।
खड़ेरी के लोगों के अनुसार उन्होंने पहले कभी ऐसा तूफान कभी नहीं देखा ऐसा तूफान पहली बार आया है जिससे भारी तबाही हुई है। गरीबों के झोपड़े उड़ गए हैं। खेतों में अलग बनाए गए अस्थाई आशियाने ढह जाने से लोग आसमान के नीचे आ गए हैं।
खड़ेरी और आलमपुर गांव में अंधड़ की तबाही के कारण कई लोगों को भारी क्षति हुई है, कई लोगों के घरों का अनाज भी भीग गया है।
लोगों के अनुसार जितने बेग से धूल भरी आंधी आई थी उसी बेग से पानी गिरा है। जिससे लोगों के घरों में भी सूखने के लिए रखा अनाज, भूसा सहित अन्य सामग्री भीगने की खबर मिल रही है।
खड़ेरी के आसपास के करीब 6 किमी गांवों में आंधी तूफान का केंद्र रहा है। जिसकी तीव्रता सबसे अधिक बताई जा रही है। इस कारण खड़ेरी आने वाले चारों ओर के रास्तों पर पेड़ टूटकर बीच सड़कर पर आ गए हैं। जिससे आगामी दो दिनों तक ग्रामीणों को रास्ता साफ करने में समय लगेगा। दूर-दूर घर व गांव होने से नुकसान आंकलन शाम हो जाने के बाद नहीं आया है, लेकिन अंधड़ का बेग बता रहा था कि वह कई पेड़, कई मकान धराशायी कर गया है।
तेज आंधी तूफान के कारण खड़ेरी व आलमपुर गांव की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। रात हो जाने के कारण सुधार कार्य नहीं हो पाया है। जिससे इन दो गांवों के लिए रात भर अंधेरे में रहने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
 

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