मामले में सिविल सर्जन डॉ. ममता तिमोरी ने बताया कि 10 सितंबर को एक महिला का प्रसव हुआ था। जिसने अपना नाम मैटरनिटी वार्ड में ललिता पति धर्मेंद्र अहिरवार निवासी हटा (19) दर्ज कराया था। सुबह 11.25 पर पूरे नौमाह के बच्चे की फुल मेच्योर्ड डिलेवरी हुई थी। लेकिन प्रसव होने के बाद नवजात बच्ची को सांस लेने में तकलीफ होने पर उसे एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था। लेकिन वहां पर प्रसूता का नाम ललिता पुत्री भागचंद चौधरी लिखाया गया था। जहां पर उसकी दादी ने भर्ती कराया था। दादी ने नर्सों को बताया था कि ललिता की शादी नहीं हुई है। उसके बाद दादी भी अस्पताल से लापता हो गई। तब से लेकर आज तक नवजात की देखरेख जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में वहां पदस्थ नर्सिंग स्टॉफ द्वारा की जा रही है।
एसएनसीयू वार्ड में पदस्थ मोना सिस्टर ने बताया कि उनके साथ पूरा स्टॉफ बच्ची की तमाम आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहा है। बच्ची पूर्र्णरूप से स्वस्थ्य हो गई है। जिसकी देखरेख के लिए स्टॉफ सहयोग कर रहा है। उसे नहाने से लेकर उसकी खुराक का पूरा खर्च किया जा रहा है। मासूम की जानकारी को लेकर एक पत्र महिला बाल विकास एवं बाल कल्याण समिति के लिए लिखा गया है। अस्पताल चौकी प्रभारी को भी पत्र लिखा गया है। लेकिन अभी तक पुलिस की तरफ से कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।
जांच की जा रही है –
मामले में सिविल सर्जन का पत्र मिला था, जिसकी जांच कराई जा रही है। दरअसल मैटरनिटी वार्ड में महिला का एड्रेस हटा तथा एसएनसीयू वार्ड में नरसिंहगढ़ रखा गया है। जिससे कुछ परेशानी हो रही है।
विनोद कारौलिया-अस्पताल चौकी प्रभारी