इसलिए किया था समर्थन –
पूर्व सरकार में दमोह में मेडीकल कॉलेज आने को लेकर लोगों ने जमकर आंदोलन किए थे। जिसमें मावन श्रंखला बनाने से लेकर करीब तीन माह से अधिक समय तक लोगों ने धरना आंदोलन किए। करीब तीन माह तक ही लगातार अलग-अलग संगठनों ने कलेक्टर, वित्तमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक अपने ज्ञापन की प्रतियां भेजीं। लेकिन दमोह में मेडीकल कॉलेज नहीं आ सका था। कुछ लोगों ने तो तत्कालीन विधायक व वित्तमंत्री जयंत मलैया तक पर दमोह में मेडीकल कॉलेज नहीं लाए जाने के आरोप लगाए थे। जिनमें स्वयं कांग्रेसी नेता शामिल थे। यही कारण है कि जब कांग्रेस प्रत्याशी राहुल सिंह चुनाव मैदान में आए तो उन्होंने युवाओं व शिक्षित बेरोजगारों की कमजोर नश को पकड़ते हुए मेडीकल कॉलेज की स्थापना कराने को मुद्दा बनाया और चुनावी समर में कूद पड़े। उन्हें युवाओं के साथ बेरोजगारों का काफी साथ भी मिला। यही कारण है कि पिछले ४० साल का बीजेपी के गढ़ का रिकॉर्ड ध्वस्त हो गया और कांग्रेस का परचम लहरा गया था। यह एक अलग बात थी कि हारजीत का अंतर बहुत अधिक नहीं था। लेकिन इस हारजीत में मेडीकल कॉलेज लाए जाने की घोषणा से प्रभावित वर्ग राहुल के पक्ष में गया था।
पूर्व सरकार में दमोह में मेडीकल कॉलेज आने को लेकर लोगों ने जमकर आंदोलन किए थे। जिसमें मावन श्रंखला बनाने से लेकर करीब तीन माह से अधिक समय तक लोगों ने धरना आंदोलन किए। करीब तीन माह तक ही लगातार अलग-अलग संगठनों ने कलेक्टर, वित्तमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक अपने ज्ञापन की प्रतियां भेजीं। लेकिन दमोह में मेडीकल कॉलेज नहीं आ सका था। कुछ लोगों ने तो तत्कालीन विधायक व वित्तमंत्री जयंत मलैया तक पर दमोह में मेडीकल कॉलेज नहीं लाए जाने के आरोप लगाए थे। जिनमें स्वयं कांग्रेसी नेता शामिल थे। यही कारण है कि जब कांग्रेस प्रत्याशी राहुल सिंह चुनाव मैदान में आए तो उन्होंने युवाओं व शिक्षित बेरोजगारों की कमजोर नश को पकड़ते हुए मेडीकल कॉलेज की स्थापना कराने को मुद्दा बनाया और चुनावी समर में कूद पड़े। उन्हें युवाओं के साथ बेरोजगारों का काफी साथ भी मिला। यही कारण है कि पिछले ४० साल का बीजेपी के गढ़ का रिकॉर्ड ध्वस्त हो गया और कांग्रेस का परचम लहरा गया था। यह एक अलग बात थी कि हारजीत का अंतर बहुत अधिक नहीं था। लेकिन इस हारजीत में मेडीकल कॉलेज लाए जाने की घोषणा से प्रभावित वर्ग राहुल के पक्ष में गया था।
तीन में से एक मेडीकल कॉलेज मिलेगा दमोह को –
मामले में स्थानीय विधायक राहुल सिंह लोधी का कहना है कि उन्होंने जो वादा किया था वह हर कीमत पर निभाएंगे। दो दिन पूर्व ही पारित किए गए बजट में जो प्रदेश मे तीन मेडीकल कॉलेज खोलने के लिए प्रस्ताव पास किए गए हैं। उसमें मुझे पूरी उम्मीद है कि दमोह का मेडीकल कॉलेज शामिल है। जल्द ही दमोह के लोगों को खुशखबरी मिलने वाली है।
कथनी करनी में अंतर है-
कथनी और करनी में बहुत अंतर है। दमोह के प्रति विकास को लेकर सोच नजर नहीं आ रही है। राहुल भले ही विधायक बन गए हैं। लेकिन दमोह में जो परियोजनाएं चालू की वह बंद हैं, उन्हें भी चालू नहीं करा पा रहे हैं। घरों तक पानी पहुंचाने का टैंडर हो चुका है। लेकिन अभी तक डेम भी नहीं बना पा रहे हैं। पुरानी योजनाएं ही चालू करा दें लेकिन उसमे भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। वह केवल जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं। मेडीकल कॉलेज तो बहुत दूर की बात है।
मामले में स्थानीय विधायक राहुल सिंह लोधी का कहना है कि उन्होंने जो वादा किया था वह हर कीमत पर निभाएंगे। दो दिन पूर्व ही पारित किए गए बजट में जो प्रदेश मे तीन मेडीकल कॉलेज खोलने के लिए प्रस्ताव पास किए गए हैं। उसमें मुझे पूरी उम्मीद है कि दमोह का मेडीकल कॉलेज शामिल है। जल्द ही दमोह के लोगों को खुशखबरी मिलने वाली है।
कथनी करनी में अंतर है-
कथनी और करनी में बहुत अंतर है। दमोह के प्रति विकास को लेकर सोच नजर नहीं आ रही है। राहुल भले ही विधायक बन गए हैं। लेकिन दमोह में जो परियोजनाएं चालू की वह बंद हैं, उन्हें भी चालू नहीं करा पा रहे हैं। घरों तक पानी पहुंचाने का टैंडर हो चुका है। लेकिन अभी तक डेम भी नहीं बना पा रहे हैं। पुरानी योजनाएं ही चालू करा दें लेकिन उसमे भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। वह केवल जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं। मेडीकल कॉलेज तो बहुत दूर की बात है।
देवनारायण श्रीवास्तव-जिलाध्यक्ष भाजपा मुंडन कराते हुए किया था आंदोलन –
मेडीकल कॉलेज लाने को लेकर मैंने अपने साथी मोंटी रैकवार, मनीष सोनी सहित मुंडन भी कराया था। मेडीकल कॉलेज लाने मैंने जनहित में काम किया था। लेकिन सफलता नहीं मिल सकी थी। वर्तमान विधायक राहुल सिंह ने चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी होने पर लोगों से जो मेडीकल कॉलेज लाने का वादा किया था, वह अभी तक पूरा नहीं हो सका है। कब तक लाएंगे वह यह भी नहीं बता पा रहे हैं। मुझे लगता है यह वादा जनता की कसौटी पर खरा नहीं उतर पाया है। देखते हैं आगे क्या होता है।
अनुपम सोनी- आंदोलनकर्ता
मेडीकल कॉलेज लाने को लेकर मैंने अपने साथी मोंटी रैकवार, मनीष सोनी सहित मुंडन भी कराया था। मेडीकल कॉलेज लाने मैंने जनहित में काम किया था। लेकिन सफलता नहीं मिल सकी थी। वर्तमान विधायक राहुल सिंह ने चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी होने पर लोगों से जो मेडीकल कॉलेज लाने का वादा किया था, वह अभी तक पूरा नहीं हो सका है। कब तक लाएंगे वह यह भी नहीं बता पा रहे हैं। मुझे लगता है यह वादा जनता की कसौटी पर खरा नहीं उतर पाया है। देखते हैं आगे क्या होता है।
अनुपम सोनी- आंदोलनकर्ता