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अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह जल स्तर गहराया,दिन और रात पानी ढो रहे लोग

locationदमोहPublished: Apr 28, 2020 02:11:17 pm

Submitted by:

rakesh Palandi

नदी, नाले रीते, हैंडपंप हो गए बंद, गर्मी में पानी की मशक्कत

Water level deepens in the last week of April

शहर के आमचौपरा क्षेत्र में बढ़ी परेशानीशहर का आमचौपरा क्षेत्र व पहाड़ी के पीछे किशुन तलैया क्षेत्र में पानी की समस्या गहराने लगी है। जबलपुर नाका के बाद पूरी आबादी के यहां निजी नलकूपों का जलस्तर नीचे पहुंच गया हैं। सभी के सबमर्शियल आधा-एक घंटे ही 24 घंटे में चल पा रहे हैं, जिससे पानी की पूर्ति नहीं हो पा रही है। इस क्षेत्र के लोग पॉलीटेक्निक के कुआं से पानी लेते हैं, जिसमें नपा द्वारा पानी सप्लाई की जाती है, यहां लोग अब पानी भरने पहुंचने लगे हैं। जटाशंकर, बीड़ी कॉलोनी, विवेकानंद नगर में जलसंकट

दमोह. अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह में शहरी बस्तियों व ग्रामीण इलाकों में भयंकर जलसंकट गहरा गया है। अब हालात यह हो गई है कि सुबह से शाम तक महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग हर कोई पानी ढोता हुआ नजर आ रहा है।
दमोह जिलें में पानी का मुख्य स्रोत गांवों में कुआं व हैंडपंप हैं। वर्तमान में कुओं का जल स्तर काफी नीचे चला गया है। हैंडपंप भी जवाब दे चुके हैं। हालात यह बन रहे हैं कि प्रत्येक ग्रामीण के लिए पानी की खोज के लिए 1 से 2 किमी का सफर तय करना पड़ रहा है। शहर के आमचौपरा क्षेत्र में बढ़ी परेशानी
शहर का आमचौपरा क्षेत्र व पहाड़ी के पीछे किशुन तलैया क्षेत्र में पानी की समस्या गहराने लगी है। जबलपुर नाका के बाद पूरी आबादी के यहां निजी नलकूपों का जलस्तर नीचे पहुंच गया हैं। सभी के सबमर्शियल आधा-एक घंटे ही 24 घंटे में चल पा रहे हैं, जिससे पानी की पूर्ति नहीं हो पा रही है। इस क्षेत्र के लोग पॉलीटेक्निक के कुआं से पानी लेते हैं, जिसमें नपा द्वारा पानी सप्लाई की जाती है, यहां लोग अब पानी भरने पहुंचने लगे हैं। जटाशंकर, बीड़ी कॉलोनी, विवेकानंद नगर में जलसंकट गहरा गया है।
जबेरा विधानसभा क्षेत्र में गहराई समस्या
जबेरा विधानसभा क्षेत्र का जबेरा व तेंदूखेड़ा ब्लॉक ड्राई क्षेत्र माना जाता है। इस पूरे क्षेत्र में पाइप लाइन से पानी पहुंचाने की सतधरू परियोजना पर काम युद्ध स्तर से चल रहा है, लेकिन इस साल मौजूदा हालत में जल संकट गहरा गया है। यहां के सैलवाड़ा गांव के लोग जल संकट में पलायन कर पाटन क्षेत्र में चले जाते थे, लेकिन इस बार कोरोना के संक्रमण की वजह से लोग पानी के लिए परेशान हो रहे हैं। यहां लोगों को 2 से 3 किमी दूर झिरिया, झरनों से पानी लाना पड़ रहा है। इस क्षेत्र की नल जल योजनाएं भी फ्लाफ हो गई हैं क्योंकि यहां के नलकूपों का जल स्तर भी काफी नीचे जा चुका है। कुआं व बावडिय़ां भी सूख गए हैं
नल जल योजनाएं हो गईं फेल
ग्रामीण क्षेत्रों में जितनी भी नल जल योजनाएं थीं वह फेल हो चुकी हैं। हालात यह है कि पूरे गांव को पानी उपलब्ध अभी तक नहीं कराया गया है। जिससे आधा गांव प्यास पानी की खोज में नजर आ रहा है, यह प्राय: सभी गांवों की स्थिति बनी हुई है। कई जगह विद्युत संबंधी समस्या आने के कारण नलजल योजनाएं बंद बताई जा रही हैं। कहीं मोटर फाल्ट है तो कहीं पर बिजली का बिल नहीं भरा गया है।
नगरीय क्षेत्रों में भी गहराई समस्या
हटा, पथरिया, तेंदूखेड़ा, पटेरा, हिंडोरिया नगरीय निकाय क्षेत्रों में मार्च माह से ही समस्या गहरा गई थी, इन नगरीय क्षेत्रों के अधिकांश वार्डों में टैंकरों से जल सप्लाई कराई जा रही है। कोरोना संक्रमण काल में पानी भरने की जल्दबाजी में टैंकरों के कारण कई बार सोशल डिस्टेंस टूटता हुआ भी नजर आता है।
वर्जन
ग्रामीण क्षेत्रों से हैंंडपंप बंद होने की जानकारी मिल रही है। पाइप लाइन बढ़वाने का कार्य प्रारंभ किया जाना था, लेकिन लॉकडाउन लग गया है, अब हम समस्या का समाधान करने में जुटे हुए हैं।
एचएल अहिरवार, इइ, पीएचई दमोह

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