बुंदेलखंड पैकेज में बनी पानी की टंकी 10 साल बाद भी हैंडओवर नहीं
गार्डन के बोर, टैंकर व कुआं से मंडी प्रशासन करा रहा पानी उपलब्ध
दमोह
Updated: April 19, 2022 09:07:55 pm
दमोह. बुंदेलखंड पैकेज के तहत कृषि उपज मंडी में करीब 30 लाख रुपए की लागत से पानी की टंकी का निर्माण 10 साल पहले किया गया था, ताकि किसानों को पानी उपलब्ध हो सके, लेकिन इस टंकी निर्माण में भ्रष्टाचार के लीकेज होने से यह टंकी मंडी प्रशासन के अब तक हैंडओवर नहीं हो पाई है।
दमोह कृषि उपज मंडी में गर्मियों के दिनों में पानी की समुचित व्यवस्था करने के लिए मंडी प्रशासन मटके रखकर पानी पिला रहा है, यहां पर उपलब्ध कुआं की सफाई भी कराई गई है व नगर पालिका के टैंकर भी आ रहे हैं। 10 साल पहले पीएचइ विभाग द्वारा बुंदेलखंड पैकेज में करीब 30 लाख रुपए से यहां पर टंकी निर्माण किया था। टंकी बनने के बाद जब टेस्टिंग हुई तो टंकी से कई जगह लीकेज होने लगा था, जिससे घटिया निर्माण की पोल खुल गई। इसके बाद पीएचई टंकी के लीकेज बंद नहीं कर पाई जिससे पानी की टंकी कृषि उपज मंडी के हैंडओवर नहीं की गई।
बुंदेलखंड पैकेज में लाखों का भ्रष्टाचार
बुंदेलखंड पैकेज के तहत निर्माण कार्यों में लाखों का भ्रष्टाचार किया गया था, शिकायतें भी हुईं, जांच भी लेकिन दोषी उपयंत्रियों, एसडीओ के एक दो इंक्रीमेंट रोककर उन्हें दोष मुक्त कर फिर नए भ्रष्टाचार करने के लिए छोड़ दिया गया। दमोह कृषि उपज मंडी प्रांगण में बनाई गई टंकी के साथ भी यही हश्र हुआ जिससे आज केवल उसका ढांचा खड़ा है, जो जर्जर होकर हादसे को निमंत्रण दे रहा है।
केंद्रीय राज्यमंत्री ने टंकी चालू कराने कहा
दमोह कृषि उपज मंडी में किसानों को पानी की समस्या देखते हुए पिछले दिनों भ्रमण पर गए केंद्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने मंडी परिसर में बनी टंकी चालू कराने के लिए कहा था, लेकिन उस दौरान मंडी प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि हैंडओवर नहीं हुई है। जिस पर उन्होंने पीएचइ के इइ को निर्देशित किया था कि इस टंकी के संदर्भ में जानकारी प्राप्त कर इसे चालू कराया जाए।
टंकी निर्माण का रिकार्ड नहीं मिल रहा
पीएचइ इइ एमके उमरिया का कहना है कि जानकारी आई थी, वह 10 साल पुराना रिकार्ड निकलवा रहे हैं, लेकिन वह मिल नहीं रहा है। मंडी प्रशासन 10 साल तक टंकी का उपयोग करता रहा है, अब जाकर बता रहा है कि टंकी पीएचइ ने हैंडओवर नहीं की है, जबकि बोर का उपयोग मंडी प्रशासन द्वारा लगातार किया जा रहा है।
टंकी क्षतिग्रस्त, सुधार भी विफल
मंडी सचिव कुंज बिहारी बघेल का कहना है कि पीएचइ विभाग द्वारा पानी की टंकी 10 साल बाद भी हैंडओवर नहीं की वह टेस्टिंग के दौरान क्षतिग्रस्त थी। बाद उसमें सुधार करने का प्रयास किया गया लेकिन सफल नहीं हुए हैं। जिससे वह किसानों के लिए गार्डन के बोर, कुआं व नगर पालिका के टैंकरों से पानी उपलब्ध करा रहे हैं।
सुलभ शौचालय भी बंद
कृषि उपज मंडी में पानी की व्यवस्था न होने के कारण सबसे ज्यादा असर सुलभ शौचालय पर पड़ा है। वह भी बनकर तैयार हो गया है, लेकिन पानी की व्यवस्था न होने के कारण बंद पड़ा है, जिससे किसानों के लिए प्रसाधन सुविधा मंडी परिसर में उपलब्ध नहीं हो पा रही है।

Water tank made in Bundelkhand package is not handover even after 10 years
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