दमोहPublished: May 27, 2020 04:41:40 pm
Sanket Shrivastava
सुबह से लेकर देर रात तक पानी की मशक्कत, हैंडपंप हुए खराब
आमचौपरा क्षेत्र हो गया ड्राईशहर से लगा आमचौपरा क्षेत्र ड्राई क्षेत्र है, यहां पानी पहुंचाने के लिए सतधरू परियोजना पर काम चल रहा है, लेकिन इसमें भी समय है, मई माह में यहां भी जल संकट से लोग जूझ रहे हैं, जिससे पहले नौ तपा के दिन भी यहां के लोग तेज दोपहर में पानी के लिए यहां वहां भटकते नजर आए।
बटियागढ़. गर्मी में जैसे-जैसे इजाफा हो रहा है, वैसे ही लगातार जलसंकट भी बढ़ता जा रहा है। ब्लॉक के लगभग सभी गांवों जलसंकट की गिरफ्त में आ चुके हैं। लोगों की सुबह की शुरूआत पानी जुटाने से होती है। ग्रामीण दिनभर पानी के लिए यहां वहां भटकते हैं। तब जाकर ग्रामीण पीने व खर्च के लिए पानी जुटा पाते हैं। ग्राम्यांचल के शहजादपुरा, हिम्मतपुरा, घनश्यामपुरा सहित कई गांवों के अधिकांश ग्रामीण जंगल में स्थित छोटे पोखरों से पानी लाते हैं। ग्राम पंचायत स्तर पर न के बराबर पानी के इंतजाम किए गए हैं। शहजादपुरा के घनश्यामपुरा में पाइपलाइन बिछाई गई है, लेकिन नल एक दो दिन के अंतराल में खोले जाते हैं। जिससे गांवों वाले जरूरत के हिसाब से लोग पानी नहीं भर पाते हैं। इन गांवों के अलावा ब्लॉक के फुटेराकलां, बकायन, लुकायन, अगारा, आंजनी, बेलखेड़ी समेत दर्जनभर से अधिक गांवों में लोग हैंडपंप, निजी बोर व कुओं पर निर्भर हैं। तेज गर्मी होने से जल स्तर लगातार नीचे खिसक रहा है। ऐसे में इन गांवों में अधिकतर निजी बोर व सार्वजनिक हैंडपंप जबाव दे चुके हैं। सिर्फ कुएं ही बचे हैं। देखने में आ रहा है कि गांव के अंदर मौजूद कुएं देखभाल के अभाव में खत्म होते जा रहे हैं। वहीं खेतों में ही कुएं बचे हैं। जहां से ग्रामीणों का पानी भरना किसी मुसीबत से कम नहीं। शहजादपुरा निवासी ग्रामीण दान सिंह, चिम्मू सिंह, संजू पाल सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि हर साल गर्मियों में पानी के लिए परेशान होते हैं। अभी गांव में स्कूल के पास बोर हैं। जहां से पानी भरते हैं। वहीं फुटेराकलां के गांव सिमरी निवासी गनपत पटेल, नन्नू पटेल ने बताया कि पानी की समस्या तो है, लेकिन अब ग्राम पंचायत द्वारा पानी की पाइपलाइन गांव में डाली जा रही है। जिससे जल्द ही जलसंकट से निजात मिलेगी।