श्रद्धा संवर्धन के लिए निकली कलश यात्रा
दमोहPublished: Jan 18, 2019 10:20:25 pm
गूंजे गलियारे हम सुधरेंगे तो जग सुधरेगा
We will improve the gaps corridor, the world will improve
दमोह. गायत्री परिवार द्वारा एक्सीलेंस ग्राउंड में आयोजित 108 कुंडीय श्रद्धा संवर्धन गायत्री महायज्ञ के शुभारंभ पर शुक्रवार की शाम को कलश यात्रा निकाली गई। पारंपरिक भारतीय वेशभूषा में सिर पर मंगल कलश लिए मां गायत्री के मंत्रों का उच्चारण करते हुए जहां हजारों की संख्या में मातृशक्ति हम सुधरेंगे, युग सुधरेगा के नारे गुंजायमान कर रहीं थीं।
गायत्री शक्ति पीठ से प्रारंभ हुई भव्य कलश यात्रा में सिर्फ मां की आराधना और पीत रंग ही दिखलाई दे रहा था। पंक्तिबद्ध होकर पूर्ण अनुशासन में गायत्री परिवार के सदस्य नगर के प्रमुख मार्गों से होकर निकले। गायत्री शक्ति पीठ से प्रारंभ हुई उक्त कलश यात्रा एक संदेश के साथ ही आम जनमानस को निमंत्रण देने के उद्ेश्य से निकली गई थी। इसके पूर्व एक भव्य वाहन रैली के माध्यम से तथा संध्या को कलश यात्रा के माध्यम से निमंत्रण आम जनमानस को दिया गया। कलश यात्रा का समापन आयोजन स्थल उत्कृष्ट विद्यालय के प्रांगण में हुआ। जहां विद्वान वक्ताओं का संबोधन व भजनों का आनंद उपस्थित विशाल जन समूह ने लिया है।
ज्ञात हो कि हम सुधरेंगे युग सुधरेगा किनारे को क्रियान्वित करने के उद्देश्य को लेकर गायत्री परिवार धर्म तंत्र से लोक शिक्षण की विधा को अपनाते हुए स्थानीय उत्कृष्ट विद्यालय के प्रांगण में 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन हो रहा है। इसके पीछे का मूल उद्देश्य जनमानस में ईश्वरीय सत्ता जिसे हम विभिन्न नामों से जैसे भगवान, गॉड, खुदा, वाहेगुरु जैसे नामों से संबोधित करते हैं, इनके प्रति सघन श्रद्धा जगाने का है। जिससे वह अपने दैनिक क्रियाकलापों को देव स्तर का बना सके और धरती पर स्वर्ग जैसा वातावरण निर्मित हो सके।
आयोजन स्थल पर 108 वेदियों को सनातन धर्म की मान्यताओं, प्रमाणों व माप के अनुसार विद्वानों के मार्गदर्शन में बनाया गया है। पूरे परिसर को गाय के गोबर से लीपा गया है। चारों ओर जवारे भी बोए गए हैं। विशाल परिसर को सनातन धर्म की मान्यताओं तथा धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार सुसज्जित किया जा रहा है। हजारों लोगों को प्रतिदिन भोजन प्राप्त हो इसकी व्यवस्था की गई है। साहित्य और पूजन सामग्री आसानी से उपलब्ध हो सके। इसके लिए अलग से व्यवस्थाएं भी की गई है। 19 जनवरी को प्रात: देव आहृान होगा। फिर महायज्ञ का होगा शुभारंभ। 9 विद्वान प्रतिनिधि आयोजन को संपन्न करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर धार्मिक आयोजन के साथ साथ संस्कार भी संपन्न कराए जाएंगे जिसमें यज्ञोपवित व पुंसवन संस्कार प्रमुख हैं।