दमोह

जहां लगती थी बसों की कतार वहां खड़े थे ऑटो

लोकसभा चुनाव के लिए बसें अधिग्रहित होने के बाद दमोह बस स्टैंड के हाल, बसों यातायात की व्यवस्था लडख़ड़ाई, पैदल चले बोझा लादकर

दमोहMay 06, 2019 / 12:28 am

Sanket Shrivastava

Where the bus lines were standing, there were auto

दमोह. देश की सरकार चुनने का महापर्व 6 मई को है, मतदान कराने के लिए दमोह जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाली बसों का अधिग्रहण कर लिया गया है। जिसके कारण वैवाहिक सीजन में बसों से आवागमन की सुविधा लडख़ड़ा गई है। रविवार की सुबह से बस स्टैंड में जहां सैकड़ों बसें एक के बाद एक निकलने का क्रम शुरू हो जाता था, उनकी जगह ऑटो खड़े हुए नजर आ रहे थे।
सुबह से लेकर शाम तक प्राइवेट व सरकारी बस स्टैंड पर सन्नाटा पसरा रहा।ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन शहर में चलने वाले ऑटो से होने लगा है। हालात यह बन गए कि एक दो किमी तक का सफर लोगों को पैदल ही तय करना पड़ा है।शहर में चलने वाले ऑटो ग्रामीण क्षेत्रों की ओर डायवर्ट होने के कारण स्टेशन से गतंव्य तक पहुंचने के लिए कई यात्रियों को पैदल ही सफर करना पड़ रहा था।
लंबी रूट की बसों में जद्दोजहद
वैवाहिक सीजन होने के कारण लंबी रूट की बसें चल रहीं थी, लेकिन उनकी संख्या भी कम थी। सबसे ज्यादा परेशानी दमोह से छतरपुर व टीकमगढ़ के लिए हो रही थी, वैसे भी इस रूट पर बसें कम हैं और 6 मई को दमोह के अलावा टीकमगढ़ व छतरपुर में भी चुनाव है।
जिससे जो बसें आ रही थीं लोग किसी भी तरह उन पर सवार होने के लिए उतावले नजर आ रहे थे। जिससे इस रूट पर जितनी भी बसें चलीं उनमें यही स्थिति बनी रही।
यात्री बसें नहीं चलने से यात्री हुए परेशान
तेंदूखेड़ा. रविवार को बस स्टैंड पर बसें कम नजर आईं। बसों के नहीं आने से यात्रियों को गंतव्य तक जाने में खासी परेशानी उठाना पड़ी। तेंदूखेड़ा व ग्रामीण क्षेत्रों के यात्रियों को जबलपुर व दमोह जाने के लिए परेशानी हुई। आसपास के छोटे गांव में जाने के लिए भी लोगों को निजी साधनों का उपयोग करना पड़ा। जैसे-तैसे तेंदूखेड़ा पहुंचे तो दमोह, जबलपुर, छतरपुर, टीकमगढ़, नरसिंहपुर व सागर जाने के लिए बस नहीं मिली। बस स्टैंड पर खड़े यात्रियों ने कहा कि जाना जरूरी है, लंबे रूट की बसों में पैर रखने भी जगह नहीं मिल रही है। भीषण गर्मी के बाद भी बसों के इंतजार में घंटों खड़े रहे हैं। उन्हें बसें नहीं मिल सकी। गर्मी में भूखे प्यासे बाहर से आकर बसों के लिए बैठे हुए थे। लोगों का कहना था कि उनकी रिश्तेदारी में किसी को मंडला, बरेला, पाटन, पनागर, नरसिंहपुर, गोटेगांव, शाहपुरा, बांदकपुर देवरी व नोहटा जाना है, उनकी रिश्तेदारी में विवाह है, आखिर क्या करें।कई ऐसे लोग तो वापस लौट चुके हैं।

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