पत्रिका ने शहर के चौराहों पर जाकर देखा तो वहां से निकलने वाले वाहन चालक अपनी मस्ती में जहां मन चाहा वाहनों को मोड़कर निकलते देखे गए।
शहर के हृदय स्थल घंटाघर, अस्पताल चौक, कीर्ति स्तंभ चौक, बैंक चौराहा, बसस्टैंड चौक, को आपरेटिव बैंक चौक, जबलपुर नाका चौक, तीन गुल्ली चौराहा, स्टेशन चौक सहित अन्य सभी चौराहों से निकलने वाले वाहन चालकों में से 50 फीसदी लोग यातायात नियमों का पालन किए बगैर ही आवागमन कर रहे थे। खास तौर से युवा वाहन चालकों में यह लापरवाही अधिकांशत: देखने मिली।
घंटाघर का दृश्य- शहर के हृदय स्थल घंटाघर पर वाहनों का सबसे अधिक आवागम होता है। यहां पर पांचों मार्गों से आवागमन करने वाले वाहनों से हमेशा जाम की स्थिति निर्मित होती है। यहां पर देखा गया कि एक के बाद एक पांचों मार्गों से आने वाले वाहन चालकों में कई वाहन चालक जल्दी निकलने के चक्कर में नियमों को तोड़कर दाएं से अन्य वाहनों को क्रॉस कर निकल रहे थे। ऐसा नहीं है कि यहां पर यातायात विभाग के जवान की तैनाती नहीं थी। लेेकिन वह नाकाफी साबित हो रही थी।
बैंक चौराहा- शहर के एक और व्यस्ततम क्षेत्र को आपरेटिव बैंक चौराहा पर भी इसी तरह से मनमाने तौर पर वाहनों का दिन भर आना जाना लगा रहता है। आपरेटिव बैंक चौराहा पर पूर्व में यातायात जवान को खड़े होने के लिए एक स्टैंड बना हुआ था।
लेकिन तेज हवा के टूटने के बाद अब केवल उसका एंगिल शेष बचा है। जो चौराहा पर लगा हुआ है। यहां पर यातायात जवान की ड्यूटी भी अब नहीं लगती है। यहां से निकलने वाले वाहन चालक अपनी मर्जी के हिसाब से वाहन मोड़कर नियमों को देर किनार कर आगे बढ़ जाते हैं। यह लापरवाही हर रोज की तरह देखने मिली।
बसस्टैंड चौराहा पर भी रही घमाचौकड़ी- शहर का एक और सबसे अधिक वाहनों की निकासी वाला बसस्टैंड क्षेत्र पर भी यही आलम था।
यहां पर लोग अपने हिसाब से वाहनों को लाते-ले जाते देखे गए।
बसों के साथ ऑटो, बाइक चालकों द्वारा भी नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था।
एक भी व्यक्ति यहां भी हेलमेट लगाकर बाइक चलाते दिखाई दिया। ऊपर से बाएं से चलने की जगह दाएं से वाहन लेकर फर्राटे भरते देखे गए।