scriptदुधमुही बेटी की मां शीघ्र नहीं मिलती तो मासूम जाएगी बालाश्रम | Who is responsible | Patrika News

दुधमुही बेटी की मां शीघ्र नहीं मिलती तो मासूम जाएगी बालाश्रम

locationदमोहPublished: Oct 23, 2019 07:23:49 pm

Submitted by:

pushpendra tiwari

अस्पताल प्रबंधन तब आया हरकत में जब जन्म देने के बाद मासूम को छोड़कर भाग चुकी थी मां और अन्य नातेदार

दुधमुही बेटी की मां शीघ्र नहीं मिलती तो मासूम जाएगी बालाश्रम

मासूम बेटी

दमोह. जिला अस्पताल में भर्ती सवा माह की मासूम बेटी जो जन्म लेने के बाद से नर्सों के दुलार को ही अपनी मां का दुलार समझ रही है। उसकी मां की पहचान अब तक नहीं हो सकी है। बुधवार को जब इस मामले की पड़ताल की गई तो हकीकत यह सामने आई है कि पुलिस ने बेटी को परिजनों तक पहुंचाने के लिए जरा भी प्रयास नहीं किया है। वहीं एक और हकीकत यह भी सामने आई है कि जिला अस्पताल प्रबंधन इस बात से वाकफ था कि प्रसव करा रही महिला अविवाहित है। लेकिन इस सच्चाई को डॉक्टर व स्टॉफ ने तब तक छुपाया जब तक की डिलेवरी के बाद बेटी की मां अस्पताल गायब नहीं हो गई।
पड़ताल करने पर सामने आया है कि जिला अस्पताल के लेबर रुम में भर्ती महिला की डिलेवरी होने के बाद जन्मी बेटी का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण मासूम को एसएनसीयूू में १० सितंबर को ११.५५ बजे भर्ती किया गया था। यहां भर्ती होने के बाद जब परिजनों से एसएनसीयू कर्मचारियों ने संपर्क करना चाहा तो अस्पताल से जन्म देने वाली मां और साथ मौजूद रहे परिजन गायब हो चुके थे।
एक सप्ताह बाद दी सूचना
जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा उक्त घटना की जानकारी पुलिस को समय पर नहीं दी गई। १७ सितंबर को एसएनसीयू प्रभारी द्वारा एक पत्र जिला अस्पताल पुलिस चौकी को दिया गया। जिसमें घटना का उल्लेख करते हुए एसएनसीयू में भर्ती मासूम के परिजनों को तलाश करने की बात कही गई। लेकिन तब तक अस्पताल से प्रसव कराने के बाद महिला को भागे एक सप्ताह का समय बीत चुका था। लेकिन अस्पताल प्रबंधन के आलाधिकारियों द्वारा बरती गई इस लापरवाही पर जरा भी अफसोस नहीं हुआ।
उधर पुलिस ने भी गंभीरता नहीं निभाई
लिखित सूचना मिलने के बाद भी पुलिस ने मामले की खोजबीन अब तक शुरु नहीं की है। जबकि घटना को सवा माह बीत चुका है। पुलिस ने समय रहते न ही अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और न ही अस्पताल के लेबर रुम कर्मचारियों, एसएनसीयू कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। ऐसे में यह स्पष्ट है कि पुलिस द्वारा अस्पताल में भर्ती मासूम की मां कौन है इसका पता लगाने में कोताही बरती। बुधवार की स्थिति में किसी भी अस्पताल कर्मचारियों के बयान नहीं लिए जाने की बात सामने आई है।
इस लापरवाही ने तो की हदें पार
अस्पताल के एसएनसीयू रिकार्ड के अनुसार प्रसव के लिए भर्ती हुई महिला अविवाहित थी। कानून होता यह है कि ऐसे मामलों में अस्पताल पहुंची महिला मरीज को भर्ती कर उसका उपचार शुरु कर दिया जाता है और इसकी जानकारी पुलिस को तत्काल दे दी जाती है। इधर पुलिस द्वारा इस तरह के मामलों में बगैर विलंब किए रेप का केस दर्ज कर विवेचना शुरु कर दी जाती है। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है, जो पुलिस अधिकारियों व अस्पताल प्रबंधन के अधिकारियों की गंभीर लापरवाही को उजागर कर रहा है।
जननी एक्सप्रेस कॉल सेंटर से मिल सकता है सुराग
पत्रिका द्वारा की गई खोजबीन में यह तथ्य सामने आया है कि महिला को तलाश करने के लिए प्रमुख तथ्य उसको अस्पताल लाए गए साधन से लगाया जा सकता है। महिला को यदि प्रसव के पहले जननी एक्सप्रेस या १०८ एंबूलेंस से अस्पताल लाया गया था तो इसका रिकार्ड कॉल सेंटर में दर्ज होगा। यहां से महिला को किस स्थान से पिकअप किया गया था इसकी जानकारी सामने आ सकती है। हालांकि अब तक पुलिस ने यह प्रयास भी नहीं किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस इसलिए अपना हाथ पीछे किए हुए है क्योंकि पुलिस को सबसे पहले अस्पताल से मिली जानकारी के आधार पर मामला पंजीबद्ध करना पड़ेगा।
शीघ्र ही परिजनों का नहीं चलता पता तो मासूम जाएगी बालाश्रम
एसएनसीयू में भर्ती मासूम पूर्णत: स्वस्थ्य है। अस्पताल आरएमओ द्वारा बताया गया है कि बच्ची की सुर्पदगी को लेकर बालकल्याण समिति को लिखित सूचना भेज दी गई है। इस तरह के मामलों में निर्णय बाल कल्याण समिति को लेना होता है। पिछले समय में सामने आए मामलों में बच्चा बाल कल्याण समिति को सौंपा गए हैं जिन्हें समिति द्वारा बालाश्रम में रखा जाता है। यहां से ही बच्चे को गोद लेने की प्रक्रियाएं पूरीं होतीं हैं।
वर्जन
मैं इस मामले को दिखवाता हूं। संबंधित महिला की भर्ती फाइल तैयार हुई थी। पुलिस को जो भी सहायता अस्पताल प्रबंधन चाहिए वह ले सकते हैं।
डॉ. दिवाकर पटेल, आरएमओ

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो