लाल साड़ी माथे पर काली पट्टी बांध नारी शक्ति ने 27वें दिन किया विरोध
नारी शक्ति के पर्व पर धरना स्थल पर ही की शक्ति की आराधना
दमोह
Updated: April 02, 2022 08:53:02 pm
दमोह. मां शक्ति का आराधना का पर्व शनिवार से प्रारंभ हो गया है, मां जगत जननी ने कालांतर में 9 स्वरूपों में तात्कालिक समस्याओं का संहार किया था, वर्तमान जीवन में भी अनेक समस्याएं हैं, जिनका निदान नहीं हो रहा है। पिछले 27 दिनों से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठी हैं, लेकिन उनकी समस्याएं हल नहीं हो रही है। शनिवार को नवरात्र के प्रथम दिन सभी कार्यकर्ताएं लाल साड़ी में माथे पर पट्टी बांधकर अपने बच्चों के साथ बैठी थी।
महिला बाल विकास के तहत कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका अल्प मानदेय पर गांव-गांव में शासन की योजनाओं को अमली जामा पहुंचाने की भूमिका निभाती हैं। इन्हें अब तक कर्मचारी का दर्जा नहीं मिला है। नारी शक्ति और महिला सशक्तिकरण के दावों के बीच इन महिलाओं द्वारा लगातार अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। इनकी प्रमुख मांग है कि राज्य सरकार के कर्मचारी का उन्हें दर्जा दिया जाए। पेंशन की व्यवस्था की जाए।
नवरात्र पर करेंगी बुलंद आवाज
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की पहली बार सबसे लंबी हड़ताल खिंच रही है। प्रदेश के 22 जिलों में यह हड़ताल जारी है, जिसमें दमोह शामिल है। लगातार हड़ताल करने के बाद शासन की ओर से दो शब्द भी आंदोलन नारी शक्ति के पक्ष में सामने नहीं आए हैं, जिससे अब यह अपनी आवाज बुलंद भोपाल में करने की तैयारी कर रहीं हैं। 5 अप्रेल से भोपाल में ही प्रदेश भर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आंदोलन में समाप्त होंगी।
हड़़ताल के दिनों की वेतन भी नहीं
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शासकीय कर्मचारी का दर्जा नहीं है, जिससे उनकी अनुपस्थिति के दिनों का वेतन नहीं मिलेगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि शासकीय सेवक की पात्रता न होने के कारण 27 दिन के वेतन का नुकसान हो चुका है, कई जिलों में बर्खास्तगी की कार्रवाई की जा रही है, जिससे भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व शासन व प्रशासन के बीच आरपार की लड़ाई छिड़ गई हैं।
तपते पंडाल में दिन भर बच्चों के साथ
पिछले 27 दिनों से देखा जा रहा है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता छोटे-छोटे बच्चों के साथ दिन भर पतले पर्दे वाले पंडाल में तेज गर्मी झेल रही हैं, उनके छोटे बच्चे भी गर्मी में हलाकान हो रहे हैं। बच्चों व महिलाओं की हितैषी सरकार व प्रशासन को कड़ी धूप में बैठी महिलाओं की चिंता नहीं है, उल्टे उन पर कार्रवाई का डंडा चलाकर उनका आंदोलन खत्म कराने के प्रयास पिछले 27 दिनों से किए जा रहे हैं।
आंगनबाड़ी स्तर के कामकाज प्रभावित
महिला बाल विकास विभाग के सहारे ही सरकार अपनी योजनाओं का क्रियान्वयन कराती है, चाहे स्वास्थ्य हो सर्वे हो या कोरोना काल में कोविड मरीजों की पहचान व उनके घरों में व्यवस्थाएं कराने की जिम्मेदारी इन्हीं से पूरी कराई गई है। कुपोषित बच्चों व महिलाओं के अलावा टीकाकरण व पोषण आहार का वितरण इनके द्वारा किया जाता है जो वर्तमान में जिले में ठप चल रहा है। महिला बाल विकास की योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है।

Woman power protested on the 27th day by tying a red sari on her foreh
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