जटाशंकर से मुक्तिधाम की सड़क पर स्थित राशन दुकान में सुबह 9 बजे से काफी भीड़ जमा हो गई थी यहां गोले छोड़ लोग एक दूसरे के काफी नजदीक आ गए थे। स्थिति यह बन रही थी कि राशन दुकान के मुख्य गेट पर लोगों की भीड़ बार-बार जमा हो रही थी, करीब 3 घंटे तक इस तरह की गहमा गहमी का माहौल रहा और कई बार सोशल डिस्टेंस की दीवार ढहती हुई नजर आई। करीब 3 घंटे बाद गस्ती पुलिस का वाहन यहां से निकला तो भीड़ देखकर उसने कुछ नियंत्रण किया। फिर इसी तरह की स्थिति बनती हुई नजर आई।
इसी तरह बजरिया वार्ड 1 व बजरिया 7 की राशन दुकान पर पर ज्वाला माई चौराहा से चमड़ा फैक्ट्री जाने वाले मार्ग की राशन दुकान पर गोले में लोगों ने अपने-अपने थैले व बोरी रख दी थीं, लेकिन जैसे ही इन राशन दुकानों के मुख्य काउंटर पर निगाह पहुंच रही थी तो वहां लोग एक दूसरे के नजदीक आ रहे थे यह स्थिति राशन वितरण के पूरे समय बनती रही।
कई राशन दुकानों में कड़ाई से पालन ऐसा नहीं है कि सभी राशन दुकानों पर ही यह स्थिति दिखी हो, पलंदी चौराहे के राशन दुकान पर सोशल डिस्टेंस का बाकयादा पालन किया जा रहा था। काउंटर पर उसी को बुलाया जा रहा था जिसका नंबर आ रहा था वही राशन ले रहा था, उसके जाने के बाद दूसरी की पुकार लगाई जा रही थी।
कड़ी धूप में नंगे पांव खड़े रहे बच्चे जहां शहर की राशन दुकानों पर समझदार महिला पुरुष सोशल डिस्टेंस को बार-बार भूल रहे थे, वहीं बिलाई गांव के सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन का वितरण किया जा रहा था। जिसमें सोशल डिस्टेंस का पालन कराने के लिए गोले बनाए थे। कई बच्चे ऐसे थे जो पांव में चप्पल भी नहीं पहने थे, कड़ी धूप में नंगे पांव खड़े हुए सामाजिक दूरी बनाकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे और एक-एक कर मध्याह्न भोजन ले रहे थे। कलेक्टर की अपील को भूल रहे कोरोना संक्रमण के बचाव को लेकर लोगों की जरुरतों की सुविधाओं को बहाल करते हुए कलेक्टर तरुण राठी बार-बार आमजनमानस से अपील कर रहे हैं कि खतरा बढ़ा है। इस खतरें को रोकने का कारगर इलाज सामजिक दूरी हैं, लेकिन लोग कभी 500 रुपए के लिए तो कभी सरकारी राशन के लिए कोरोना जैसी महामारी के खतरें को भूलकर आसपास एक दूसरे के संपर्क में आ रहे हैं।