Schools Reopen: इंतजार खत्म…आज से खुलेंगे स्कूल, बरतनी होगी ये सावधानी
पारम्परिक आदिवासी रीति-रिवाजों से हुआ विवाह
खास बात यह रही कि सामूहिक विवाह का यह आयोजन पूरी तरह आदिवासी रस्मो-रिवाज के साथ हुआ। वर पक्ष ने आत्मसमर्पित नक्सलियों के आवासीय परिसर में पहुंचकर वधु पक्ष को महुआ व अन्य उपहार दिए। इसके बाद वधु पक्ष के लोगों के साथ मिलकर नाचते-गाते कन्याओं को लेकर विवाह मंडप में लौटे। यहां पर भी आदिवासी परम्परा के अनुसार अनाज कूटने वाले मूसल पर पैर रखकर दूल्हों ने अपनी भावी जीवन संगिनी का हाथ थामा। नए मटके में भरा पानी उंडेल कर शादी की रस्म पूरी की गई।
एसपी ने दिया नकद उपहार
शादी के बाद एसपी डॉ पल्लव व अफसरों ने नव दंपतियों को 10-10 हजार नगद उपहार के साथ सुखमय जीवन का आशीर्वाद दिया। नव दंपतियों को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनांतर्गत 10-10 हजार रुपये नकद व 25 हजार रुपए मूल्य के घर गृहस्थी के सामान भी उपहार में बाद में दिए जाएंगे।
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चाहकर भी विवाह नहीं कर पाने वालों की मुकम्मल हुई मोहब्बत
इस मौके पर एसपी डॉ पल्लव ने कहा कि लोन वर्राटू अभियान में साल भर के भीतर सरेंडर कर चुके 310 नक्सलियों में से विवाह योग्य युवाओं को उनकी रजामंदी पर सामूहिक विवाह करने का अवसर दिया गया है। इनमें कुछ जोड़े ऐसे हैं जो नक्सल संगठन में रहते हुए एक दूसरे से प्रेम तो करते थे, लेकिन बंदिशों की वजह से शादी नहीं कर सके थे। शादी करने पर नक्सली जबरन नसबंदी करवा देते थे, जिससे वे संतान सुख से वंचित रह जाते थे। एसपी ने अन्य नक्सलियों से भी अपील करते कहा कि हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्य धारा में लौट आएं।