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अडानी को खदान दिए जाने का किया था सबसे पहले विरोध,रद्द किया जाय ठेका-कवासी लखमा

locationदंतेवाड़ाPublished: Jun 07, 2019 10:50:34 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

लखमा (kawasi lakhma) ने कहा कि इस खदान को अडानी को दिए जाने का सबसे पहले विरोध उनके द्वारा ही किया गया था। उन्होंने केंद्र सरकार से अडानी (adani) को दिए गई खदान का ठेका रद्द करने की मांग की है और कहा है कि वह भी आंदोलन में शामिल होने जाने वाले थे लेकिन हेलीकॉप्टर की व्यवस्था न होने के कारण वे आंदोलन (Tribal movement) में शामिल नहीं हो सके
 
 

kawasi lakhma

अडानी को खदान दिए जाने का किया था सबसे पहले विरोध,रद्द किया जाय ठेका-कवासी लखमा

दंतेवाड़ा. नंदराज पर्वत में होने वाले खनन का विरोध करते हुए आदिवासी समाज ने बड़े आंदोलन (Tribal movement) की शुरुआत कर दी है। दंतेवाड़ा के किरंदुल में 200 गांव के आदिवासी समाज के लोग NMDC का घेराव करने पहुंच चुके हैं और किसी भी कर्मचारी को खदान (mine) के अंदर घुसने नहीं दिया गया है। आदिवासियों (tribals) ने चेक पोस्ट को घेर लिया है और NMDC में काम पूरी तरह ठप है। आदिवासियों के इस आंदोलन की उद्योग मंत्री कवासी लखमा (kawasi lakhma) ने भी समर्थन दे दिया है।
लखमा ने कहा कि इस खदान को अडानी को दिए जाने का सबसे पहले विरोध उनके द्वारा ही किया गया था। उन्होंने केंद्र सरकार से अडानी को दिए गई खदान का ठेका रद्द करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि वे खुद इस आंदोलन में शामिल होने जाने वाले थे लेकिन हेलीकॉप्टर की व्यवस्था न होने के कारण वे आंदोलन में शामिल नहीं हो सके।
बता दें की एनएमडीसी गेट के सामने चल रहे आंदोलन में हजारों की संख्या में आदिवासी मौजूद हैं। आदिवासी इस पहाड़ी को अपना इष्ट देव मानते हैं. लिहाजा उसे बचाने के लिए ये आदिवासी यहां एकत्र हुए हैं. उनकी मांग है कि अडानी को दिया गया है ठेका रद्द किया जाए।
ये है पूरा मामला

बैलाडीला लौह अयस्क खदान (Iron ore mine) नम्बर 13 को अडानी के हाथों में दिए जाने का अब दन्तेवाड़ा में आदिवासी विरोध कर रहे है। शुक्र वार को एक बड़ा प्रदर्शन करने की तैयारी हो रही है। इधर इस आंदोलन में शामिल होने पूर्व सीएम अजीत जोगी के आने की भी खबर है।
प्रदर्शनकारियों (Tribal movement) ने बताया कि दैविक पर्वत नन्दीराज की आस्था को चोट पहुंचाकर खदान (mine) पर अगर काम शुरू हुआ तो ट्रेन रुकेगी, बसों के पहिये थमेंगे। जिले के चारो विकासखंड के पंचायतो से ग्रामीण (tribals) बैठक कर सर पर सामान रख जंगलो के रास्ते से किरन्दुल की तरफ कूच कर रहे है।
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