scriptजान हथेली में लिए जुबां पर भोले का नाम जपते 7 नालों को पार कर श्रद्धालु पहुंचे यह धाम | Arrived faithful to nave name for palm crosses chanting 7 drain dhaam | Patrika News

जान हथेली में लिए जुबां पर भोले का नाम जपते 7 नालों को पार कर श्रद्धालु पहुंचे यह धाम

locationदंतेवाड़ाPublished: Feb 15, 2018 04:44:04 pm

माओवादी फरमान के कारण पंचायत ने नहीं की कोई व्यवस्था, पहाड़-जंगल का सफर, दो माह पहले फोर्स ने तोड़े थे स्मारक, रास नहीं आ रही भीड़।

जान हथेली में लिए जुबां पर भोले का नाम जपते 7 नालों को पार कर श्रद्धालु पहुंचे यह धाम

जान हथेली में लिए जुबां पर भोले का नाम जपते 7 नालों को पार कर श्रद्धालु पहुंचे यह धाम

दंतेवाड़ा. लाल आतंक का डर, दहशत…पहाड़ों के बीच से घने जंगल का सफर कर महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं ने तुलार गुफा पहुंचकर बाबा धाम में शिव की पूजा की। भोले का नाम लेते ही भक्तों के मन में तस्वीर उभरती है भभूति रमाए घनघोर जंगल में बैठे भगवान शिव की। इसी से मिलता-जुलता नजारा है तुलार धाम का। यहां भभूति तो तन पर नहीं है पर घनघोर जंगल में एक गुफा में शिवलिंग स्थापित है।
प्रकृति खुद करती है जलाभिषेक
इस शिवलिंग पर निरंतर पानी टपकता रहता है। यहां शिव का जलाभिषेक खुद प्रकृति करती है। भक्तों का तांता दो ही दिन लगता है। माघ पुर्णिमा व शिवरात्रि ? पर भीड़ जुटती है। इस बार यहां लाल आतंक का दहशत देखा गया। कुछ माह पहले ही फोर्स ने इस इलाके में माओवादियों के स्मारक तोड़ दिए थे। दहशत के बाद भी भक्त जयकारे के नारे लगाते यहां तक पहुंचे। इतना ही नहीं दर्जनों लोगों ने रात भी यहां बिताई। दो दिन का पर्व था इसलिए दूसरे दिन सुबह दर्शन कर लोग लौटे। तुलार धाम के दर्शन करने के लिए वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी पहुंचे थे। वन विभाग की इस टीम में प्रशिक्षु आईएफएस मनीष कश्यप भी शामिल थे। शिव दर्शन के साथ इन्होंने बिगड़े वन का जायजा भी लिया।
पंचायत का नाम भी हुआ गुफा से
शिव की गुफा के नाम से ही पंचायत का नाम भी है। यह पंचायत बीजापुर जिले में आती है। इसका नाम गुफा पंचायत है। बीजापुर की ओर से भी पगडंडी है। नदी-नालों को पार कर यहां तक पहुंचना पड़ता है। दंतेवाड़ा से भी यहीं हाल है। हालात हर जिले से वहीं है, जो आजादी के पहले थी।
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