हर पल मंडराता है मौत का साया, यहाँ ज़िन्दगी दावं पर लगाकर पढ़ाते हैं शिक्षक
असल में वह अतिथि अद्यापक था और जब उसे पता चला कि प्रभारी मंत्री 5 जुलाई को दंतेवाड़ा आ रहे हैं। तो वह जबेली गांव से 55 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय पहुंचा लेकिन प्रभारी मंत्री नहीं आए। उसे बताया गया कि 6 जुलाई को आएंगे। दूसरे दिन जब उसकी मुलाकात प्रभारी मंत्री से भी हुई लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जिसके कारण वह बहुत परेशान था।एक बच्चे को जन्म देने में रोज हो जाती है 8 सौ महिलाओं की मौत, पढ़ें बढ़ती जनसंख्या से जुड़े रोचक तथ्य
मृतक (Chhattisgarh Teacher Suicide) के परिजनों का कहना है की देवाराम दो सालों से आनंदपुर की ही एक स्कूल में पढ़ा रहा था। दोबारा नौकरी और पिछले 5 महीने का मेहनताना भी नहीं मिलने पर घर में आर्थिक तंगी के कारण वह मानसिक पीड़ा से जूझ रहा था।खबरों पर बने रहने के लिए Download करें Hindi news App