scriptएजुकेशन सिटी में संवर रहा नक्सल प्रभावित बच्चों का भविष्य, पीएम मोदी और पूर्व राष्ट्रपति कोविंद भी कर चुके है संस्थान का दौरा | Dantewada Education City is making Naxal Naxal affected children | Patrika News

एजुकेशन सिटी में संवर रहा नक्सल प्रभावित बच्चों का भविष्य, पीएम मोदी और पूर्व राष्ट्रपति कोविंद भी कर चुके है संस्थान का दौरा

locationदंतेवाड़ाPublished: Aug 15, 2022 04:54:53 pm

Submitted by:

CG Desk

– 100 एकड़ में निर्मित है एजुकेशन सिटी, विश्व के मुख्य 100 सफलतम एजुकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में शामिल- 3,000 से अधिक आदिवासी विद्यार्थी पढ़ते हैं इसमें, नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा सिटी ने शहरों को पीछे छोड़ा

एजुकेशन सिटी में संवर रहा नक्सल प्रभावित बच्चों का भविष्य, पीएम मोदी और पूर्व राष्ट्रपति कोविंद भी कर चुके है संस्थान का दौरा

एजुकेशन सिटी में संवर रहा नक्सल प्रभावित बच्चों का भविष्य, पीएम मोदी और पूर्व राष्ट्रपति कोविंद भी कर चुके है संस्थान का दौरा

दंतेवाड़ा @शैलेन्द्र ठाकुर. छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा के लिए अब तक कुख्यात रहे दक्षिण बस्तर की 100 एकड़ में फैली एजुकेशन सिटी ने इस मिथक को तोड़ दिया कि इस इलाके में शिक्षा को लेकर स्तरीय सुविधा नहीं मिल सकती है। इस एजुकेशन सिटी में संचालित संस्थानों में न सिर्फ दंतेवाड़ा जिले के बच्चे पढ़ रहे हैं, बल्कि अपने बच्चों को एडमिशन दिलवाने के लिए राज्य के अन्य हिस्सों से भी अभिभावक लालायित रहते हैं। यहां नक्सल हिंसा पीड़ित परिवारों के बच्चों के लिए संचालित इंग्लिश मीडियम आस्था विद्यापीठ में दाखिले के लिए लंबी कतारें लगती हैं और आवेदनों को शार्ट लिस्ट करने में संस्था के पसीने छूट जाते हैं। यहां तक कि एडमिशन के लिए प्राथमिकता क्रम निर्धारित कर दिया गया है, ताकि सबसे पहले नक्सली हिंसा में अनाथ हुए बच्चों और जिले के स्थानीय बाशिंदों को मौका मिले। इसके बाद लाल पानी प्रभावित परिवारों को नंबर आता है।

नवाचार के तौर पर इस एजुकेशन सिटी ने ऐसी ख्याति अर्जित कर ली कि राष्ट्रपति रहते रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक इसका निरीक्षण कर चुके हैं। कुछ साल पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर की एजेंसी केपीएमजी ने इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में विश्व के 10 चुनिंदा बड़े संस्थानों में इस एजुकेशन सिटी जावंगा को जगह दी थी। इस रेटिंग में देश से साबरमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट और एजुकेशन सिटी जावंगा ही स्थान पा सके थे।

एजुकेशन सिटी में एनएमडीसी डीएवी पॉलीटेक्निक, कन्या शिक्षा परिसर, आस्था गुरुकुल, दिव्यांग बच्चों के लिए बैरियर फ्री आवासीय परिसर, क्रीड़ा परिसर, आदि संचालित हैं।

ऐसे हुई शुरुआत
इस परियोजना की नींव वर्ष 2011 में तत्कालीन कलेक्टर रीना कंगाले ने रखी थी और इसे मूर्त रूप दिया उनके बाद पदस्थ कलेक्टर ओपी चौधरी ने। इस महती परियोजना के लिए बड़ी धनराशि की जरूरत थी, लिहाजा इसका समाधान निकालते हुए कन्वर्जन यानी समन्वय मद से सीएसआर, बीआरजीएफ, आइएपी और राज्य शासन की कुछ योजनाओं की राशि का इस्तेमाल किया गया। तब यह परियोजना मूर्त रूप ले सकी।

बाद में कलेक्टर केसी देवसेनापति ने यहां पर दिव्यांग बच्चों के लिए बैरियर फ्री आवासीय परिसर सक्षम-1 व सक्षम-2 की शुरुआत की। कलेक्टर सौरभ कुमार ने यहां पर 1000 युवाओं को रोजगार दिलाने बीपीओ कॉल सेंटर शुरू किया। नक्सल पीड़ित परिवारों के बच्चों के लिए संचालित इंग्लिश मीडियम आस्था विद्यापीठ में अत्याधुनिक ऑडियो-विजुअल तकनीक और स्मार्ट क्लास जैसी सुविधाओं का उपयोग होता है, जो बड़े शहरों में संचालित महंगे से महंगे बोर्डिंग स्कूलों से भी कहीं आगे है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो