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दंतेवाड़ा अस्पताल फिर सवालों के घेरे में, जानें आखिर क्यों कहते है इसे रेफर सेंटर

locationदंतेवाड़ाPublished: Jan 18, 2018 01:06:57 pm

Submitted by:

Badal Dewangan

दो साल में 30 लाख की हुई खरीदी पर नहीं है कोई हिसाब, विवादों में जिला अस्पताल प्रबंधन, नए सीएस का बैंक को लिखा पत्र वायरल

दंतेवाड़ा अस्पताल फिर सवालों के घेरे में
दंतेवाड़ा. जिला अस्पताल का कायाकल्प करने में अधिकारियों और कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। एक पखवाड़े से अस्पताल प्रबंधन विवादों में है। पूर्व सीएस एसपीएस शांडिल्य पर वित्तीय अनियमिता की जांच रिपोर्ट तैयार हो चुकी है।
इसमें 15 लाख रुपए का चेक एडवांस दिया गया
रिपोर्ट में यह बात सामने आ रही है कि 15 लाख नहीं दो साल के भीतर 30 लाख रुपए का सामान खरीदा गया है। इस खरीदी का हिसाब पूरा नहीं हो रहा है। 17 लाख रुपए की निजी फर्म से खरीदी की गई। इसमें 15 लाख रुपए का चेक एडवांस दिया गया। कुछ पावती इसकी मिली है। दो लाख रुपए अभी और देने की बात सामने आ रही है। इसके अलावा 12 लाख रुपए का रेगुलर मद से व्यय किया गया है।
पैसा एक दवा व्यापारी के खाते में ट्रांसफर किया गया
यह जांच स्वास्थ्य विभाग से पांच सदस्यीय टीम कर रही है। यह रिपोर्ट सीएमएचओ को गुरुवार को सौंपी जाएगी। अब विवादों में घिरा जिला अस्पताल से एक और पत्र वायरल हुआ है। यह पत्र वर्तमान में सीएस एमके नायक का है। इस पत्र से 26 लाख रुपए की दवा खरीदी होना बताया जा रहा है। सीएस ने यह पत्र बैंक को लिखा है। बैंक से डीएमएफ के उनके खाते से आरटीजीएस करने के लिए कहा गया है। यह पैसा एक दवा व्यापारी के खाते में ट्रांसफर किया गया है। इस पत्र के बाद दूसरा गुट जांच कमेटी गठित करने की बात कह रहा है। मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए। फिलहाल इन आरोपों में कितना दम है, जांच होने के बाद ही पता चलेगा। फिलहाल एक दूसरे पर कीचड़ उछाला जा रहा है।
यह है वर्तमान सीएस का वायरल पत्र
तीन जनवरी 2018 को शाखा प्रबंधक स्टेट बैंक को लिखा गया है। इस पत्र में लिखा है कि सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक के डीएमएफ खाता क्रमांक 35898786206 से 26 लाख 98 हजार तीन सौ रुपए ई- स्थांतरण क्रमांक ओबी 3919 के माध्यम से अनिल मेडिकल एजेंसी धमतरी को स्थांतरित किया जाए। इस पत्र के वायरल होने के बाद भी वहीं सवाल फिर से खड़ा हुआ है। आखिर राज्य शासन दवाइयों को मुहैया करवा रही है। शासकीय खरीदी के लिए शासन की अपनी व्यवस्था है। सीजीएसएमसी (छग राज्य मेडिकल कॉरपोरेशन) इसी व्यवस्था से खरीदी करनी है। सीएस की यह खरीदी भी नियम के विरुद्ध है। अस्पताल से जुड़े लोगों का कहना है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से गलत है। इस पर भी जांच की मांग की जा रही है। कहा जा रहा है इतने बड़े एमाउंट के लिए भी निविदा जारी नहीं की गई है।
स्वास्थ्य विभाग ने की जांच पूरी
नोटशीट, कार्यआदेश व स्टॉक पंजी का मिलान हो चुका है। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सूत्र बता रहे हैं कि इसमें विसंगतियां देखने को मिल रही है। कायाकल्प के नाम से बड़े भ्रष्टाचार की बू आ रही है। यह रिपोर्ट गुरुवार को सीएचएमओ एचएल ठाकुर को सौंप दी जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की प्रक्रिया तेज होगी।
जांच रिपोर्ट लगभग पूरी हो चुकी है
सीएचएमओ एचएल ठाकुर एवं अस्पताल अधीक्षक सह सिविल सर्जन एमके नायक ने बताया कि, जांच रिपोर्ट लगभग पूरी हो चुकी है। यह रिपोर्ट संभवत: गुरुवार को आएगी। विसंगतियां सामने आ रही है। रिपोर्ट आने के बाद ही तस्वीर स्पष्ट होगी। इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। अस्पताल में दो साल के भीतर लगभग 30 लाख रुपए की खरीदी की गई है। नियम से दवाईयों की खरीददारी की गई है। कोटेशन के आधार पर खरीदी हुई है। जो दवाईयां आई है उसका पूरा लेखा-जोखा है। इसमें कहीं कोई दिक्कत नहीं है।
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