वारदातों के बाद, हाट-बाजारों में नहीं बनाए गए वॉच टॉवर
दंतेवाड़ाPublished: Dec 31, 2015 11:04:00 am
हाट बाजारों से अपहरण, हत्या, लूट जैसे गंभीर मामले थमने का नाम नही ले रहे
हैं। आए दिन हो रही वारदातों के बाद जिला प्रशासन अपने ही द्वारा किए गए
वादों पर विफल
दंतेवाड़ा. हाट बाजारों से अपहरण, हत्या, लूट जैसे गंभीर मामले थमने का नाम नही ले रहे हैं। आए दिन हो रही वारदातों के बाद जिला प्रशासन अपने ही द्वारा किए गए वादों पर विफल हो गया है।
तुमनार बाजार में 29 जुलाई को व्यापारी के हत्या के बाद व्यापारी संतोष गुप्ता की हत्या के बाद जिला प्रशासन ने अधिकारियों की बैठक की. जिसमें यह फैसला उस अंदाज में लिया गया था कि जल्द ही साप्ताहिक बाजारों में वॉच टॉवर तैयार कर दिए जाएगें और सीसीटीवी फुटेज से हर संदिग्ध की गतिविधि पर नजर रखी जाएगी।
लेकिन अधिकारियों का यह फैसला सभागार में घंटो बर्बाद करने के अलवा बाहर नहीं निकला। फिलहाल इस मामले को तीन माह बीतने चुके है। लेकिन बाजार में वॉच टॉवर शुरुवात भी नहीं हुई बैठक मेें कलक्टर केसी देव सेनापति, एसपी कमलोचन कश्यप, सीआरपीएफ 111 वीं बटालियन के कमांडेंट और जिला पंचायत सीईओ के अलावा दर्जनों अधिकारी मौजूद थे।
बाजार अपहरण और हत्याओं के साक्षी
दक्षिण बस्तर के जिलों में बाजार 2005-06 के बाद से हत्याओं और अपहरण के गवाह भर बन कर रहे गए हैं। कई बाजार तो ऐसे हैं जहां माओवादी की सीटी बजते ही समाप्त करना व्यापारियों की मजबूरी बन जाता है।
दर्जनों हत्याएं इन बाजारों में हुई हैं। आदिवासी संस्कृति और सभ्यता के लिए जाने वाले साप्ताहिक बाजारों की जमीन लाल आतंक से लाल हो चुकी है।
बाजार से ही अगवा हुआ था डाकिया
पालनार बाजार में सीआरपीएफ के असिस्टेंड कमांडर पर जानलेवा हमला हुआ। इस वारदात को दो माह भी नही बीते और डाकिया सुरजीत की अगवा करने के बाद माओवादियों ने हत्या कर दी। बैठक का फैसला सिर्फ बैठक तक ही सीमित रह गया जो कि पालना बाजार में सबसे ज्यादा वारदातें हुई है।