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देश-दुनिया से होगा सीधा संपर्क – यहां बनेगा बड़ा पुल, हजारों आबादी को मिलेगा इसका लाभ

locationदंतेवाड़ाPublished: May 16, 2018 05:45:28 pm

मुखिया छग के कोने-कोने में पहुंचा रहे विकास, दस हजार से भी अधिक आबादी को मिलेगा सीधा फायदा, 56 करोड़ की लागत से इंद्रावती पर बनेगा पुल।

अबूझमाडिय़ाओं को देश-दुनिया से जोडऩे यहां बनेगा बड़ा पुल, हजारों को मिलेगा सीधा लाभ

अबूझमाडिय़ाओं को देश-दुनिया से जोडऩे यहां बनेगा बड़ा पुल, हजारों को मिलेगा सीधा लाभ

अबूझमाडिय़ाओं को देश-दुनिया से जोडऩे यहां बनेगा बड़ा पुल, हजारों को मिलेगा सीधा लाभ

दंतेवाड़ा. विकास यात्रा के दौरान सीएम डॉ. रमन सिंह ने इंद्रावती नदी पर 56 करोड़ रुपए की लागत से पुल का शिलान्यास किया। यह पुल अबूझमाड़ क्षेत्र के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। पुल के बनने से इस क्षेत्र के दस हजार अबूझमाडिय़ा सीधे देश-दुनिया से जुड़ सकेंगे। सरकार की विकास यात्रा चुनावी वर्ष में छग के सभी कोनों से होकर गुजर रही है।

गृहमंत्री ने दिखाई थी विकास यात्रा को हरी झंडी
यह बताने के लिए उन्होंने वाकई में सभी को ध्यान में रखकर विकास का खाका बुना था। 12 मई को विकास यात्रा का बिगुल गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रथ को हरी झंडी दिखा कर फूंक दिया। आम सभा में सीएम डॉ. रमन सिंह ने विकास यात्रा के दौरान राज्यभर में 30 हजार करोड़ के लोकार्पण और भूमिपूजन करने की घोषणा की थी। इस घोषणा में अहम है दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर से सटे एक दर्जन से अधिक गांव के लोगों के लिए एक पुल का भूमिपूजन होना।

नदी पार के पंचायतों के लिए जीवनरेखा
यह पुल इंद्रावती नदी पार के पंचायतों के लिए जीवनरेखा से कम नहीं है। गीदम ब्लॉक के छिंदनार पर 56 करोड़ रुपए का प्रस्तावित पुल 10 हजार की आबादी के लिए खुले में सांस लेने जैसा है। चेरपाल, पहुरनार, तुमरीगुंडा जैसी बड़ी पंचायतें आधा दर्जन दंतेवाड़ा की है। इसके साथ ही जुड़ी हुई बीजापुर और नारायणपुर की कई पंचायतें हैं। यह इलाका दक्षिण अबूझमाड़ कहा जाता है। इस पुल के शिलान्यास से आजादी के बाद यहां के लोगों में बड़ी आस जागी है। बरसात में टापू पर जीवन यापन करने वाले ग्रामीण अब शहरों से जुड सकेंगे। इलाज और तमाम समस्याओं के लिए कभी भी आना-जाना संभव होगा।

अबूझमाडिय़ाओं को देश-दुनिया से जोडऩे यहां बनेगा बड़ा पुल, हजारों को मिलेगा सीधा लाभ

पहुंचविहीन होने से मानसून के पहले एकत्रित करते हैं राशन
इस क्षेत्र में जनजीवन बेहद कठिन है। अंदाजा लगया जा सकता है मानसून के पहले प्रशासन को इस बात की फिक्र करनी पड़ती है कि चार माह का राशन पहले यहां की अबादी के लिए पहुंच जाए। प्रशासन इस कार्य का बरसात के पहले प्रमुखता से करता है। इंद्रावती नदी भी बरसात के चार माह में कई बार अपना रौद्र रूप धारण करती है। जब यह नदी उफान पर होती है तो देखने भर से रूह कांप जाती है। इस इलाके में रहने वाले आदिवासी आजादी और आजादी के पहले टापू के रूप में रहते आ रहे हैं। हलात अब बदलने को है। आस जगी है कि पुल निर्माण के बाद वे आसानी से आ जा सकेगें।

पुल बनाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती
विकास का यह पुल 56 करोड़ से प्रस्तावित हो चुका है। आजादी के बाद बड़ी उम्मीद दक्षिण क्षेत्र के अबूझमाडिय़ों में जागी है। लेकिन बड़ी इस पुल को बनान में प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। पुल निर्माण के लिए एक कैंप की स्थापना होगी। कैंप की स्थापना के बाद ही पुल का निर्माण हो सकेगा। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि जल्द ही कैंप स्थापना की अनुमति ली जाएगी। कैंप स्थापित होते ही पुल के निर्माण कार्य शुरू होगा।

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