इसका है विरोध
जानकारों ने चर्चा में बताया कि हमारा विरोध किसी समाज या समुदाय से नहीं है बल्कि झूठी शिकायत कर आदतन प्रताडि़त करने वालों से है। ज्ञात हो कि नए संसोधन में एससी/एसटी एक्ट में शिकायत पर बिना कोई जांच के तुरंत गिरफ्तारी संभव होगी एवं उपर न्यायालय से जमानत तक नहीं मिल सकेगी। जबकि पहले जांच के बाद गिरफतारी एवं अग्रिम जमानत का प्रावधान था। एक्ट में संशोधन के बाद अब सामान्य एवं ओबीसी वर्ग के लोगों की चिंता बढ़ गई है।
जागरुक नागरिकों ने यह भी कहा
अगर सरकार को जातिगत आरक्षण देना ही है तो सामान्य एवं ओबीसी वर्ग को भी आरक्षण के दायरे में लाना होगा। आरक्षण का दंश वे सदियों से झेलते आ रहे हैं अब समय बदल गया है। सामान्य वर्ग को भी बराबर का हक मिलना चाहिए। स्वर्णो ने एक स्वर में कहा है कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो आने वाले चुनावों में सामान्य एवं ओबीसी जाति का कोई भी वोटर किसी भी राजनैतिक दल को वोट नहीं करेगा।
आवश्यक सेवाओं को रखा गया मुक्त
आरक्षण बंद का लेकर बंद के समर्थन में होटल, चाय ठेला, पान ठेला तक बंद रहे। बंद से आवश्यक सेवाओं को मुक्त रखा गया था। इसके चलते मेडिकल स्टोर, पेट्रोल पंप व बस सेवाएं सुचारु जारी रहीं। फुटपाथ पर कारोबार करने वालों को भी बंद के दायरे से बाहर रखा गया था। इससे छोटे व्यवसायियों ने राहत की संांस ली।