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नीट क्वालीफाई करने के बाद भी दाखिले से वंचित रह गई आठ आदिवासी छात्राएं, रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण अवसर से चुके

locationदंतेवाड़ाPublished: Nov 20, 2020 05:36:55 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

शिकायत करने वाली छात्राओं में से पियूषा ने नीट परीक्षा में 391 पद्मा ने 408 और इंदु ने 304 अंक हासिल कर क्वालीफाई किया था । गीदम की निवासी आदिवासी छात्रा पियूषा के अभिभावक ने पत्रिका को बताया कि संस्था की लापरवाही से छात्राओं की मेहनत और समय दोनों का नुकसान हुआ है ।

नीट क्वालीफाई करने के बाद भी दाखिले से वंचित रह गई आठ आदिवासी छात्राएं, रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण अवसर से चुके

नीट क्वालीफाई करने के बाद भी दाखिले से वंचित रह गई आठ आदिवासी छात्राएं, रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण अवसर से चुके

दंतेवाडा. डॉक्टरी की पढ़ाई का सपना संजोए कड़ी मेहनत से नीट की एंट्रेंस परीक्षा क्वालीफाई करने के बावजूद दंतेवाड़ा जिले की 8 छात्राएं दाखिले से वंचित हो गए । इन छात्राओं का रजिस्ट्रेशन नियमानुसार राज्य डीएम यानी संचालक चिकित्सा शिक्षा की वेबसाइट पर किया जाना था ।

जिसके बाद इन्हें काउंसलिंग के जरिए मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिलने वाला था लेकिन इन छात्राओं का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया । जिसके कारण पहली काउंसलिंग में दाखिले से वंचित रह गई । इन छात्राओं के परिजनों ने कलेक्टर दीपक सोनी से लिखित शिकायत कर आरोप लगाया है कि छू लो आसमान आवासीय संस्था के शिक्षक की लापरवाही से ऐसा हुआ है ।

इन शिक्षकों ने सभी का रजिस्ट्रेशन संस्था की तरफ से करवाने की बात छात्राओं व उनके पालकों से कही थी और अंत तक गुमराह करके रखा । नतीजतन इन छात्राओं का रजिस्ट्रेशन समय पर नहीं हो सका और मेडिकल की पढ़ाई के लिए एक अच्छा अवसर हाथ से निकल गया ।

शिकायत करने वाली छात्राओं में से पियूषा ने नीट परीक्षा में 391 पद्मा ने 408 और इंदु ने 304 अंक हासिल कर क्वालीफाई किया था । गीदम की निवासी आदिवासी छात्रा पियूषा के अभिभावक ने पत्रिका को बताया कि संस्था की लापरवाही से छात्राओं की मेहनत और समय दोनों का नुकसान हुआ है ।

8 परीक्षार्थी प्रभावित

नीट में इस बार जिले के छू लो आसमान आवासीय कोचिंग संस्थान से कुल 27 परीक्षार्थियों ने क्लियर किया है । इसमें आठ के रैंक बेहतर होने से उनके मेडिकल की पढ़ाई में दाखिले की पूरी संभावना बनी थी । जिला शिक्षा अधिकारी राकेश शर्मा का कहना है कि सर्वर में दिक्कत की वजह से काफी प्रयास के बाद भी जिले की छात्राओं का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका ।

इसके बाद संचालनालय को पीडीएफ फाइल भेजी गई । जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं। किया संस्था की चूक यह थी कि उन्होंने कन्फर्मेशन नहीं लिया और निश्चिंत हो गए । इस बारे में उच्च स्तर पर बातचीत कर समाधान निकालने के प्रयास चल रहे हैं ।

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