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आत्म समर्पित महिला नक्सली के शव को लेने से परिजनों ने किया का इंकार, कहा हत्या हुई है

locationदंतेवाड़ाPublished: Feb 25, 2021 02:29:16 pm

Submitted by:

CG Desk

self-dedicated female Naxalites : विरोध प्रदर्शन, एसपी के साथ सोनी सोरी की हुई तीखी बहस .

आत्म समर्पित महिला

आत्म समर्पित महिला नक्सली के शव को लेने से परिजनों ने किया का इंकार, कहा हत्या हुई है

दंतेवाड़ा . एक दिन पहले आत्महत्या (self-dedicated female Naxalites) कर चुकी आत्म समर्पित महिला नक्सली पांडे कवासी के शव का पोस्टमार्टम बुधवार को किया गया, लेकिन परिजनों ने पांडे कवासी की मौत को आत्म हत्या की बजाय हत्या करार देते हुए शव लेने से इंकार करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी की अगुवाई में विरोध प्रदर्शन किया।
जिला हॉस्पिटल परिसर में एसपी डॉ अभिषेक पल्लव व सोनी सोरी (Soni sori) के बीच तीखी नोंक-झोंक हुई। एसपी ने तनाव के चलते स्वाभाविक आत्म हत्या का मामला बताया, जबकि सोनी सोरी ने इसे हत्या करार देते हुए आरोप लगाया कि लोन वर्राटू अभियान के नाम पर झूठे सरेंडर (self-dedicated female Naxalites) करवाए जा रहे हैं। सरेंडर व पूछताछ के नाम पर युवती को प्रताडि़त किया जा रहा था। उससे मिलने आए परिजनों को मिलने नहीं दिया गया और संदिग्ध परिस्थितियों में उसकी मौत हो गई। सोनी ने तल्ख लहजे में कई गंभीर आरोप लगाते कहा कि सरेंडर करने के बाद जबरन शादियां करवाई जा रही है।
आत्म समर्पित महिला नक्सली के शव को लेने से परिजनों ने किया का इंकार, कहा हत्या हुई है
सोनी सोरी के अलावा विमला कुंजाम, गुड़से सरपंच हेमलता कवासी ने आरोप लगाया कि घटना के दिन सुबह मिलने पहुंचे परिजनों को पांडे से मिलने नहीं दिया गया। शाम को उसकी मौत होने की जानकारी दी गई।
समाज प्रमुखों ने सौंपा ज्ञापन
बुधवार को यहां जुटे आदिवासी समाज के प्रमुखों ने इसे हत्या करार देते हुए दोबारा पीएम करने तक शव नहीं लेने की बात कही और कलेक्टर के नाम ज्ञापन प्रशासन को सौंपा। मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। गतिरोध समाप्त नहीं होने से शव मरचुरी में ही रखा गया है। मृतका के पिता सन्नू, माता सोमड़ी व छोटे भाई समेत अन्य परिजनों को समझाईश देने में एएसपी राजेन्द्र जायसवाल, डिप्टी कलेक्टर प्रीति दुर्गम समेत अन्य अफसर जुटे रहे, लेकिन कामयाब नहीं हुए।
जलाने की दी थी सूचना पर गाड़ दिया था शव, प्रशासन ने निकाला
नक्सलियों ने हत्या के बाद मृतक के शव को पास के जंगल मे दफना दिया था। परिजनों ने नक्सली दबाव में मृतक का शव जलाए जाने की बात कही थी, ताकि पुलिस बगैर शव लिए लौट जाए। बाद में शव दफनाए जाने का पता चलने पर एसडीओपी चंद्रकांत गवर्णा व प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी में शव को निकालकर पीएम के लिए कटेकल्याण लाया गया।
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