scriptयहां मामला जरा उल्टा है! पुलिस कर रही थी चोरी, इस दबंग अधिकारी ने पकड़ी चोरी, गरमाया मामला | Here the case is a bit upside down Police was stolen the stolen office | Patrika News

यहां मामला जरा उल्टा है! पुलिस कर रही थी चोरी, इस दबंग अधिकारी ने पकड़ी चोरी, गरमाया मामला

locationदंतेवाड़ाPublished: Jan 21, 2018 03:59:25 pm

Submitted by:

ajay shrivastav

पुलिस पर कर्रवाई करने हिम्मत नहीं कार्रवाई की हिम्मत जुटाई तो बीजापुर का दर्द झेलना पड़ता है 2014 में साथी को फर्जी माओवाद प्रकरण में जेल काटते देखा

यहां मामला जरा उल्टा है!
दंतेवाड़ा. अरसे बाद जंगल की सुरक्षा के लिए एक आईएफएस अधिकारी के लब्जों की चर्चा ट्विन सिटी गीदम.दंतेवाड़ा में हो रही है। मामला शनिवार शाम का है। गीदम थाना क्षेत्र में जंगल से काटी गई लकड़ी से लदे ट्रैक को पकड़ा। यह लकड़ी पुलिस जवानो के द्वारा अवैध काटना बताया जा रहा है। इसके बाद हाईवोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया। दूरभाष पर इस आईएफएस अधिकारी से पुलिस अधिकारी से बातचीत का दौर शुरू हुआ। कार्रवाई में अड़चन पुलिस के अधिकारी बनने लगे। इस अधिकारी को फोन पर कहना पड़ा मैं मनीष कश्यप एमटेक आईएफएसए अब जंगल की कटाई नहीं होगी। फिलहाल ये ट्रक निस्तार डिपों में जाएगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। साथ ही ये हिदायत दी कि अगली बार यदि ऐसा हुआ तो कड़ी कार्रवाई होगी। लकड़ी प्राइवेट हो या शासकीय। जंगल की लकड़ी प्रॉपर तारीके से ही खरीद फरोख्त होगी। इस अधिकारी ने पुलिस अधिकारियों की एक नहीं सुनी और लकड़ी को डिपो में जमा करवा दिया।
पुराना थाना में रह रहे सीएफ के जवान लाये थे लकड़ी
पुराना थाना में सीएफ के जवान रह रहे है। यह थाना नई इमारत में शिफ्ट हो चुका है। रसोई के लिए लकड़ी लेकर आना बताया जा रहा है। इसी दौरान एसडीओपी के प्रभार में आईएफएस मनीष कश्यप को सूचना मिली कि एक ट्रक लकड़ी आ रही है। वह मौके पर कर्मचारियों के साथ पहुचे। ट्रक से लदी लकड़ी के दस्तावेज मांगे। उनके पास कोई कागजात नहीं थे। उन्होंने कहा ट्रक सहित लकड़ी जब्ती होगी। इसके बाद पुलिस अधिकारियों स चर्चा शुरू हो गई। इस अधिकारी ने जितना किया वह जिले में पहली बार हुआ है। इस कार्रवाई से वन विभाग के कर्मचारी भी बेहद खुश है।
कार्रवाई करने के बाद दर्द भी झेला
कर्मचारी बताते है की पहले तो पुलिस पर करवाई करने की हिम्मत ही नहीं पड़ती। यदि कार्रवाई की हिम्मत जुटाई तो बीजापुर जैसा दर्द झेलना पड़ता है। यहां वनकर्मियों ने 2014 में अपने साथी को फर्जी माओवाद प्रकरण में जेल काटते देखा है। वन विभाग के कर्मियों ने राज्य स्तरीय आंदोलन कियाए लेकिन कुछ नहीं हो सका। इस लिए यहां जवानो की जंगल से अवैध कटाई पर रोक लगाने से वन कर्मी कतराते है और घबराते भी हैं।

कैम्प तो छोड़ो अधिकारियों के फर्नीचर तक में इस्तेमाल हो रहा साल-सागौन
जंगल महफूज नहीं है। हालात बिगड़ते जा रहे है। कैंपो में जंगल की लकड़ी का बेजा इस्तेमाल हो रहा है। इस बात को सभी जानते है। जब कि इन कैम्प में बेहतर व्यवस्था के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकार पूरा प्रबन्ध करती है। इसके बाद भी जंगल की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है। 30 हजार से ज्यादा जवानो की तैनाती है। दर्जनों कैम्प स्थपित है। आंकलन करना भी मुश्किल है की कितनी लकड़ी प्रति दिन जल रही है। इतना ही नहीं अधिकारी और कर्मचारी के फर्निचार भी तैयार होते है। आसानी से उपलब्ध साल.सागौन का अवैध इस्तेमाल हो रहा है। तस्करो के लिए ये जंगल तो स्वर्ग है। वन विभाग इन पर भी गाहे बगाहे ही कार्रवाई कर सका। जंगल पर सभी की नजर गड़ी हुई है।
आगे की कार्रवाई पर भी पड़ताल की जा रही है
प्रभारी एसडीओ आईएफएस मनीष कश्यप ने बताया कि, प्रथम दृष्ट्या जांच में पाया गया कि जंगल से जो लकड़ी लाई गई है वह सीएफ कैंप में जा रही थी। इन लोगों के पास कोई दस्तावेज भी नहीं थे। इस लिए डिपो में जमा करवा दिया गया। आगे की कार्रवाई पर भी पड़ताल की जा रही है। जंगल की दुर्दशा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। वह काई भी बना रहे।

ट्रेंडिंग वीडियो