आजादी के 72 साल बाद देश के इन हिस्सों में पहली बार तिरंगा शान से लहराया दरअसल मुख्यमंत्री के पास अपनी फरियाद लेकर पहुंचे लोगों के काले गमछों और दुप्पटों को बाहर ही उतरवा लिया गया।महिलाओं के दुपट्टों के साथ बारिश से बचने के लिए ग्रामीणों के छातों को भी बहार रखवा लिया गया। वह भी उन परिस्थितियों में जब बस्तर क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है। जबकि उसी सभा में नेता काले रंग के कपड़े पहनकर पहुंच रहे थे।ऐसे कई नेताओं और कार्यकर्ताओं की तस्वीरें सामने आई है जो काले रंग के वस्त्र पहनकर सभाओं में पहुंचे थे।
इसके पहले भी हो चुकी है बदसलूकी बतादें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इसके पहले भी CM के कार्यक्रमों से ऐसी ही तस्वीरें सामने आ चुकी है। जबकि मुख्यमंत्री ने पुलिस को यह निर्देशित किया था कि किसी के सम्मान को कोई ठेस न पहुंचे। किसी के न दुपट्टा उतरवाया जाए और न गमछा उतरवाया जाए. जांच के बाद उन्हें सीधे आने दिया जाए।
क्या आप बेरोजगार है तो हो जाइये बेफिक्र NIT रायपुर देने जा रहा है नौकरी का सुनहरा मौका ऐसे में सवाल उठाते है कि आखिर सरकार को काले रंग से इतना डर क्यों लगता है। इसके पहले कांग्रेस द्वारा भाजपा पर ये आरोप लगाए जाते थे, लेकिन अब कांग्रेस की सरकार भी उन्हीं रस्तों पर चलने लगी है।Jan Chaupal