यह लड्डू दंतेश्वरी मंदिर के प्रसाद को एक नई पहचान दिलाएगा। इसके लिए महुआ लड्डू को और भी स्वादिष्ट बनाने की तैयारी मंदिर कमेटी ने की है। हालांकि यह सशुल्क महुआ लड्डू लेना स्वैच्छिक होगा। कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि स्थानीय स्तर पर बेशुमार मात्रा में मिलने वाला वनोपज महुआ फूल ग्रामीणों की आजीविका का एक प्रमुख जरिया है। इससे बनने वाले लड्डू को प्रसाद के रूप में सदुपयोग करने पर जिले को नई पहचान मिलेगी।
पूजा की थाल सजाएंगी तुड़पारास की महिलाएं
तुड़पारास की महिला स्व सहायता समूह की दीदीयों को विशेष पूजन थाल सजाने का दायित्व भी सौंपा गया है, जो महुआ लड्डू के साथ उपलब्ध कराया जाएगा। इस थाल में नारियल, फूल माला भी पैकेज के रूप में शामिल होगा। इससे महिला समूहों को आमदनी का जरिया मिलेगा।
यह है महुए की खासियत
सुखाए गए महुआ फूलों के किण्वन और आसवन से बनने वाली शराब के अवगुणों के चलते भले ही महुआ बदनाम हो, लेकिन वास्तव में महुआ फूल के औषधीय गुणों का आयुर्वेद में विशेष महत्व है, बशर्ते कि इसे शराब बनाने की बजाय भोज्य पदार्थ के तौर पर उपयोग किया जाए। एनीमिया को दूर करने, विटामिन सी, कैल्शियम, फास्फोरस, वसा, फाइबर जैसे पोषक तत्वों से भरपूर और एंटी ऑक्सीडेंट होने के गुण की वजह से प्राचीन काल में महुआ का इस्तेमाल इसे भूनकर या तलकर खाने में किया जाता रहा है।
फैक्ट फाइल –
अंग्रेजी नाम- बटरनट ट्री
वैज्ञानिक नाम- मधुका लोंगफोलिया
कुल – स्पॉटेसी
पोषक तत्व- विटामिन सी, कैल्शियम, फास्फोरस, वसा, फाइबर, एंटी ऑक्सीडेंट