इसके अलावा नक्सलियों के जुते, सोलर प्लेट एवं अन्य सामग्री बिखरी पड़ी है। आसपास के पेड़ों में गोलियों के निशान दिखाई दे रहे हैं। लेकिन गांव के अधिकांश घरों में ताले लटके हैं। दहशत का आलम यह है कि एक ग्रामीण महिला ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान गोलियों और विस्फोट की आवाज से पूरा जंगल गुंजायमान रहा। लोग अपने-अपने घरों के अंदर दुबक कर बैठे थे। गोलियों की आवाज कई किमी तक सुनाई दे रही थी। दहशत जदा महिलाओं ने नक्सलियों के बारे में तो ज्यादा कुछ नहीं बताया।
यह भी पढ़ें