जानकारी के अनुसार किरंदुल रेल सेक्शन में विशाखापटनम से किरंदुल खाली लौट रही थी। नेरली का पुल काफी बड़ा और ऊंचा है। इस पर ट्रेन के गुजरने की गति 30 किलोमीटर प्रतिघंटे निर्दिष्ट है। पुल पार करने के 300 मीटर की दूरी के बाद पटरी उखाड़ी गई थी। गति कम होने के कारण बड़ी दुर्घटना नहीं हुई। घटना में ट्रेन के 2 इंजन पटरी से उतर गए, जिससे केके रेल लाइन पूरी तरह से बाधित हो गयी।
पुलिस के मुताबिक देर रात तक चालक कर्मचारियों से सम्पर्क नहीं हो पाया जिसके चलते घटना की स्पष्ट जानकारी नहीं लग पा रही थी। घटनास्थल घने जंगल के बीच होने और नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने से एहतियात बरती गई। माहभर पूर्व भी नक्सलियों ने इकाई पोल किलोमीटर में पेड़ गिरा कर ओएचई को तबाह कर दिया था। रेल्वे के उच्चाधिकारियों के आदेश पर राहत दल रात को ही तैयार कर ली गई थी। सुरक्षाबलों के हरी झंडी देने के बाद तडक़े ही दल को रवाना किया जा सका। कोरापुट से भी रिलीफ ट्रेन मंगाई गई थी। घटना इलाके तक जानेवाली पहुंच मार्ग बारिश की वजह से बंद हो चुकी है जिसके चलते सुरक्षाबल व रेलवे कर्मचारी सुबह घटनास्थल पहुंचकर बहाली कार्य शुरू किया। सैकड़ों कर्मचारियों की बदौलत दोपहर बाद लगभग तीन बजे रेल मार्ग पूरी तरह से बहाल हो पाया।