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दंतेवाड़ा

एनआईए की कार्रवाई: भीमा मंडावी हत्याकांड में 33 के खिलाफ चार्जशीट

– छह आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तार, घटना में 4 सुरक्षाकर्मी भी हुए थे शहीद।

दंतेवाड़ाOct 02, 2020 / 10:34 pm

CG Desk

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दंतेवाड़ा . बारूदी विस्फोट में विधायक भीमा मंडावी व उनके 4 सुरक्षाकर्मियों कर्मियों की हत्या की जांच कर रही एनआईए ने जगदलपुर में विशेष एनआईए कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया है। आईपीसी की विभिन्न धाराओं में तहत 33 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है, इनमें से 6 को एनआईए ने गिरफ्तार किया है। वहीं आरोपी 22 फरार हैं और 5 की मौत हो चुकी है। आत्मसमर्पित कई माओवादियों से पूछताछ में मिले सुरागों के आधार पर एनआईए ने जिन 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उन पर हमलावर माओवादियों को शरण देने, भोजन, मदद, विस्फोट में प्रयुक्त तार, स्टील कंटेनर उपलब्ध कराने का आरोप है।
इनकी गिरफ्तारी
माड़का राम ताती, भीमाराम ताती, महिला लिंगे ताती, लक्ष्मण जयसवाल, रमेश कुमार कश्यप, हरिपाल सिंह चौहान।

एेसे हुई थी घटना
पेश आरोपपत्र के मुताबिक 9 अप्रैल 2019 को कुआकोंडा थाना क्षेत्र के श्यामगिरी गांव में विधायक भीमा मंडावी की वाहन को आईईडी ब्लास्ट से उड़ाकर अंधाधुंध फायरिंग की गई। इसमें तत्कालीन विधायक मंडावी व उनकी सुरक्षा में तैनात सीएएफ के 4 जवान शहीद हो गए। शहीद जवानों के हथियार भी लूट लिए गए। इस मामले में कुआकोंडा पुलिस ने 10 अप्रैल को मामला दर्ज कर लिया था। इसके बाद एनआईए ने 17 मई 2019 को यह केस री-रजिस्टर कर लिया, लेकिन राज्य सरकार द्वारा उठाई गई कानूनी आपत्तियों के चलते 17 मार्च 2020 को एनआईए को यह मामला हस्तांतरित हो पाया।
दिसम्बर में बनी हत्या की योजना
एनआईए की विवेचना के मुताबिक विधायक भीमा मंडावी की हत्या का निर्णय माओवादियों की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने हमले से 4 माह पहले दिसम्बर 2018 में पश्चिम बस्तर इलाके में हुई किसी बैठक में लिया था। इसके बाद माओवादियों ने की दरभा डिवीजन कमेटी की एक और बैठक फरवरी 2019 के अंत में गोंडेरास के जंगलों में हुई, जिसका नेतृत्व मोस्ट वांटेड माओवादी डीकेएसजेडसी मेंबर व दरभा डिवीजन प्रभारी गिरी रेड्डी उर्फ श्याम उर्फ चैतू कर रहा था। बैठक में माओवादियों की टीसीओसी अभियान के तहत विधायक भीमा व अन्य नेताओं, पुलिस कर्मियों की हत्या कर चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने की साजिश रची गई। इसे अमल में लाने की जिम्मेदारी दरभा डिवीजन सचिव बड़ा देवा उर्फ बारसे सुक्का को मिली। उसके नेतृत्व में माओवादियों ने नकुलनार-बचेली मार्ग पर स्थित श्यामगिरी में सड़क पर आईईडी प्लांट किया। श्यामगिरी में 9 अप्रैल को आयोजित होने वाले वार्षिक मेले को ध्यान में रखकर यह योजना बनाई गई, ताकि इसमें शामिल होने पहुंचने वाले विधायक व अन्य राजनेताओं को निशाना बनाया जा सके।
शीर्ष लीडरों को भी बनाया आरोपी
एनआईए ने इस साजिश में सक्रिय भूमिका निभाने में शीर्ष माओवादी लीडर कट्टम सुदर्शन उर्फ आनंद, सेंट्रल रीजनल ब्यूरो सदस्य, मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ भूपति उर्फ सोनू, पोलित ब्यूरो मेंबर, थिप्परी तिरुपति उर्फ देवजी सेंट्रल कमेटी मेंबर, राउला श्रीनिवास उर्फ रमन्ना, सेंट्रल कमेटी मेंबर व डीकेएसजेडसी सचिव, हिड़मा उर्फ हिड़मन्ना, डीकेएसजेडसी मेंबर व बटालियन नंबर 1 का कमांडर, गणेश उइके उर्फ पक्का हनुमन्तु डीकेएसजेडसी मेंबर व साउथ रीजनल कमेटी सचिव को भी आरोपी नामजद किया है। इनमें से रमन्ना की मौत कुछ माह पहले बीमारी के चलते हो चुकी है।

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