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हर पल मंडराता है मौत का साया, यहाँ ज़िन्दगी दावं पर लगाकर पढ़ाते हैं शिक्षक

locationदंतेवाड़ाPublished: Jul 10, 2019 08:42:05 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

Chhattisagrh Teachers: नक्सल इलाके (Naxalite area) के अध्यापक रोज अपनी जान जोखिम में डालते हैं ताकि वहां के गांव के बच्चो को शिक्षित कर सकें

naxal area

हर पल मंडराता है मौत का साया, यहाँ ज़िन्दगी दावं पर लगाकर पढ़ाते हैं शिक्षक

दंतेवाड़ा. Chhattisagrh Teachers: कटेकल्याण में एक दर्जन से ज्यादा स्कूलों तक पहुंचने के लिए शिक्षक रोज अपनी जान जोखिम में डालते हैं। ब्लॉक मुख्यालय से 3-4 किलोमीटर के बाद पूरा क्षेत्र नक्सलियों (Naxalite) के कब्जे में है। पिछले कई सालों से इस क्षेत्र के गांव तक पहुंचने वाली सड़क नक्सलियों ने बंद कर रखी है। आस पास के कई गांव के के बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक जिस रास्ते से आवाजाही करते हैं वह खतरे से खाली नहीं है।
हर रास्ते पर नक्सलियों ने आईडी बिछा रखी है। वो इसकी चपेट में कभी भी आ सकते हैं। इसके बावजूद वह अपनी जान की परवाह ना कर के बच्चों को पढ़ाने के लिए हर दिन अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंच रहे हैं। नया शिक्षा सत्र शुरू होते ही कटेकल्याण ब्लॉक के कई गांव के स्कूल में पदस्थ शिक्षकों की परेशानी एक बार फिर से शुरू हो गई है।
आपको बता दें कि सोमवार को चिकपाल और और मारजुम के बीच सड़क पर लगाई गई प्रेशर आईडी की चपेट में आने से एक पिक अप पलट गई थी। इसके चलते उसमें सवार चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। ड्यूटी जाने वाले शिक्षकों (Chhattisagrh Teachers) ने बताया कि गांव में रहने की उचित व्यवस्था नहीं है। जिकी वजह से वो ब्लॉक मुख्यालय में रहते हैं। समय पर स्कूल पहुंचने के लिए हर दिन सुबह 9:00 बजे ही अपने घर से निकल जाते हैं।
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