scriptदंतेवाड़ा जिले की महुआ बिनने वाली ये महिला अब करेगी इंग्लैंड की सैर,जानिए क्या हैं महुआ के उपयोग | woman who is Mahua picker from Dantewada will now visit England | Patrika News

दंतेवाड़ा जिले की महुआ बिनने वाली ये महिला अब करेगी इंग्लैंड की सैर,जानिए क्या हैं महुआ के उपयोग

locationदंतेवाड़ाPublished: May 23, 2022 10:52:07 pm

Submitted by:

CG Desk

उल्लेखनीय है की कटेकल्याण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर महुआ संग्रहण का कार्य होता है।
एक तरह से महुआ यहां की संस्कृति में रचा बसा है।

बुलडोजर दहशत और रौंदने का प्रतीक, भाजपा की यही मानसिकता: भूपेश

बुलडोजर दहशत और रौंदने का प्रतीक, भाजपा की यही मानसिकता: भूपेश

दंतेवाड़ा: कटेकल्याण में भेंट मुलाकात के कार्यक्रम के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को यहां के ग्रामीणों ने अपने नवाचारों के बारे में बताया। मुख्यमंत्री इससे बहुत खुश हुए। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाएं वनांचल में रहने वाले लोगों के प्रभावी विकास के लिए बनाई गई है। इसका असर दिख रहा है।
वहीं एक छोटे से संवाद ने कटेकल्याण की पार्वती की इंग्लैंड की टिकिट बुक करा दी। कटेकल्याण की एक महिला पार्वती मोरे ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को कहा – मुख्यमंत्री जी आपका बहुत धन्यवाद, आपके वनोपज संग्रहण का उचित मूल्य दिये जाने का लाभ हम सबको हुआ है। इस बार हम लोग महुआ इंग्लैंड तक भेजने वाले हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा क्या बात है। फिर मुख्यमंत्री ने पुनः पूछा कि क्या तुम भी इंग्लैंड जाना चाहती हो? युवती के उत्साह से भरे चेहरे को देखकर मुख्यमंत्री ने कहा -तुम्हें भी इंग्लैंड भेजेंगे।

पार्वती ने मुख्यमंत्री को बताया कि विभिन्न समूहों के माध्यम से 40 हजार क्विंटल महुआ एकत्रित हुआ है। सरकार की संग्राहकों को राहत देने की नीति से लोगों में काफी खुशी है। इन महुआ संग्राहक महिलाओं की खुशी से भरी बातचीत ने मुख्यमंत्री को बहुत खुश कर दिया। उन्होंने जैसे ही सुना कि महुआ इंग्लैंड जा रहा है तो उन्होंने कह दिया, क्या बात है।
उल्लेखनीय है कि कटेकल्याण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर महुआ संग्रहण का कार्य होता है। महुआ के पूरा सीजन लोग इसे एकत्रित करते रहते हैं। एक तरह से महुआ यहां की संस्कृति में रचा बसा है। अब महुआ की वैश्विक पहुंच से यहां आय के नये अवसर उत्पन्न होंगे।
जानिए क्या हैं महुआ के उपयोग-
गौरतलब है की औषधीय रूप से महुआ बहुत ही मूल्यवान पेड़ है। इसके कई तरह के उपयोग हैं।इसके फूल का उपयोग कर के खांसी, पित्त और दिल संबंधी रोगों के औषधि तैयार किए जाते हैं।महुआ के फूलों को कच्चा, पका, सूखा या तल कर सेवन किया जाता है।शराब के उत्पादन में फूलों की एक बड़ी मात्रा का उपयोग किया जाता है।पारंपरिक रूप से महुआ की छाल का उपयोग गठिया, अल्सर, रक्तस्राव और टॉन्सिलिटिस में किया जाता है।दस्त में, छाल के आसव का एक कप दिन में दो बार लिया जाता है।छाल का पेस्ट सूजन एवं हड्डी के फ्रैक्चर को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है।छाल का उपयोग कुष्ठ रोग को ठीक करने और घावों को भरने के लिए भी किया जाता है।छाल का काढ़ा खुजली, अल्सर और हाइड्रोसील में उपयोगी है।छाल के टुकड़े को हल्का गर्म कर के जोड़ों पर बाँधा जाता है।इसके बीजों से तेल निकाला जाता है जो कई एलर्जी विकारों तथा अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है।

दक्षिण भारत में सर्पदंश के इलाज के लिए महुआ (खास कर छाल) का उपयोग किया जाता है।एक्जिमा से राहत के लिए पत्तियों का लेप लगाया जाता है।खली (बीज का केक) में कीटनाशक गुण पाए जाते हैं तथा इनका उपयोग चावल, गन्ना आदि फसलों में जैविक खाद के रूप में भी किया जाता है।महुआ के पेड़ की लकड़ी का उपयोग घर का दरवाजा और खिड़की बनाने में किया जाता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो