सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने गई पुलिस
शनिवार देर शाम घनश्यामपुर थाने की पुलिस टीम ग्रामीणों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने गांव में गई थी। ग्रामीण जहां तहां एकत्रित होकर बतियाने में लगे थे। पुलिस ने लोगों को घरों में जाने के लिए कहा तो सभी उग्र हो गए। कम संख्या में पुलिस दल को देख ग्रामीण और भी हमलावर हो उठे। सभी ने पुलिस जिप्सी को घेर लिया। महिलाओं और पुरुषों ने ईंट पत्थरों तथा लाठी डंडों से पुलिस टीम पर धावा बोल दिया। पुलिस जिप्सी पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर डाली। जख्मी होकर पुलिस टीम जान बचाकर मौके से भाग निकली। घायल तीन पुलिसकर्मी स्थानीय अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करवा रहे हैं।
गांव के 40 लोगों के खिलाफ एफआईआर
घनश्यामपुर थाना प्रभारी आशुतोष कुमार ने बताया कि एएसआई जयगोविंद सिंह और होमगार्ड जवान लक्ष्मण कुमार को अधिक चोट लगी है। इनका इलाज चल रहा है। दरभंगा एसपी ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि सभी आरोपियों को जल्द पकड़कर जेल भेजा जाएगा। चालीस ग्रामीणों की पहचान कर उनके विरुद्ध सरकारी काम में बाधा डालने और पुलिस पर हमले का मामला दर्ज़ कर उनकी गिरफ्तारी का अभियान चलाया गया है।
डीजीपी की चेतावनी के बावजूद हो रहे हमले
पुलिस प्रमुख की कड़ी चेतावनी के बावजूद पुलिस और स्वास्थ्यकर्मियों के दल पर सूबे के विभिन्न हिस्सों में लगातार हमले होते आ रहे हैं। 29अप्रैल को पूर्वी चंपारण के मोतिहारी के पकड़ीदयाल प्रखंड अंतर्गत सीसाहनी गांव में भी पुलिस दल पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया था जिसमें सात पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इससे पूर्व औरंगाबाद के खोह क्षेत्र में स्वास्थ्य टीम और पुलिस दल पर हमला कर दिया गया था। लॉकडाउन के दौरान पुलिस और स्वास्थ्यकर्मियों के दल पर हमलों का यह दौर थमता नहीं नज़र आ रहा है। पुलिस प्रमुख गुप्तेश्वर पांडेय ने गोह के हमले के बाद स्पष्ट चेतावनी दी थी हमलावरों को पकड़कर जेल में सड़ा देंगे।इसके बावजूद हमले का दौर यथावत जारी है।