जिले में गत वर्ष कोरोना की शुरुआत भी ग्रामीण क्षेत्र से ही हुई थी। कोरोना की प्रथम लहर के दौरान सबसे पहले पॉजिटिव मरीज सेंवढ़ा तहसील के ग्राम सिरसा में सामने आए थे। हालांकि प्रथम लहर में ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति कंट्रोल में रही, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में ग्रामीण क्षेत्र प्रभावित हुए नहीं रह सके। जिले के साथ दतिया तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में भी कोरोना के कई मरीज सामने आए। हालांकि अब ग्रामीण क्षेत्रों में धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो गई है।
कोरोना की दूसरी लहर में ग्राम पंचायतों में सबसे ज्यादा केस इस बार उनाव ग्राम पंचायत में आए। यहां 28 अप्रैल से केस आना शुरू हो गए थे और 06 से 08 मई के बीच कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 65 पर पहुंच चुकी थी। उनाव के अलावा जिगना, बड़ौनकला, रेंड़ा और भांसड़ा खुर्द ये पांच पंचायतें रेड जोन में आ गई थीं। स्थिति यह थी कि १३१ पंचायतों के 262 गांवों में 52 पंचायतें ऑरेंज जोन में भी थीं।
सही रणनीति ने दिलाई सफलता मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गिरिराज दुबे ने बताया कि उनाव को रेड जोन से बाहर निकालने के लिए प्रशासन ने रणनीति बनाई। जागरूकता अभियान चलाया गया, मास्क व सैनेटाइजर वितरित किए गए, पंचायत का सतत सैनेटाइजेशन किया गया। ग्राम की सीमाएं लॉक करने के साथ रोको-टोको अभियान चलाया गया। कोविड आइसोलेशन सेंटर की स्थापना के साथ संभावित व्यक्तियों का सर्वे किया गया। निगरानी समिति बनाई गई। दीवार लेखन कराने सहित अन्य एहतियाती कदम उठाए गए। अन्य पंचायतों में भी यही रणनीति अपनाई गई। इसका नतीजा यह निकला उनाव पंचायत रेड जोन से बाहर निकली तथा भारत सरकार ने इसे बेस्ट प्रैक्टिस वाली पंचायत के रूप में अपने पोर्टल पर जगह दी।