scriptबेटा होने पर मन्नत उतारने जा रहे थे, रास्ते में इंतजार कर रही थी मौत, हादसे में वो भी नहीं बचा | 11 people of datia killed in road accident in uttar pradesh | Patrika News

बेटा होने पर मन्नत उतारने जा रहे थे, रास्ते में इंतजार कर रही थी मौत, हादसे में वो भी नहीं बचा

locationदतियाPublished: Oct 15, 2021 10:34:38 pm

यूपी में सडक़ हादसा, दतिया के 11 लोगों की दर्दनाक मौत
मृतकों में सात महिलाएं व चार बच्चे शामिल, खाई में भरे पानी में डूबे
रास्ते में आई गाय को बचाने के चक्कर में हुई दुर्घटना

बेटा होने पर मन्नत उतारने जा रहे थे, रास्ते में इंतजार कर रही थी मौत, हादसे में वो भी नहीं बचा

बेटा होने पर मन्नत उतारने जा रहे थे, रास्ते में इंतजार कर रही थी मौत, हादसे में वो भी नहीं बचा

दतिया. शुक्रवार को झांसी जिले के चिरगांव थाना क्षेत्र में ग्राम छिरौना के पास बड़ा हादसा हो गया। एक ट्रैक्टर-ट्रॉली अनियंत्रित होकर पलट गई। उसमें सवार ११ लोगों की मौत हो गई। सभी दतिया जिले के ग्राम पंडोखर के रहने वाले हैं। मृतकों में चार बच्चे और सात महिलाएं शामिल हैं। छह लोग घायल भी हुए हैं। उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज झांसी में भर्ती कराया है।
शुक्रवार को पंडोखर में सुबह से रोज की तरह चहल-पहल का माहौल था। लोग एक दूसरे को दशहरे की शुभकामनाएं दे रहे थे तो हाइवे किनारे बसे बलवीर जाटव के परिवार व आसपास पड़ोस में बारी चढ़ाने के लिए छिरौना (उप्र) जाने की तैयारी चल रही थी। माता के जयकारे लगाते हुए सभी लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार हुए और छिरौना की ओर रवाना हुए। ट्रॉली में सवार महिलाएं माता के भजन गाती चल रही थीं और पूरा माहौल भक्तिमय था। बताया जाता है कि ट्रैक्टर-ट्रॉली में ३०-३५ लोग सवार थे। इस भक्तिमय वातावरण के किसी को भी मौत की आहट सुनाई नहीं दी। बताया जाता है कि हादसे का शिकार हुए अधिकांश लोग एक ही परिवार से ताल्लुक रखते हैं। इसके अलावा हादसे में एक मां-बेटी की भी जान गई है। हादसे में पंडोखर निवासी अनिल कुमार की पत्नी पूजा देवी व उसकी बेटी कृष्या की मौत हुई है। इसके अलावा अनिल के भतीजे अबी पुत्र पवन की भी इस हादसे में मौत हुई है।
जानकारी के अनुसार पंडोखर निवासी बलवीर जाटव ने अपने घर में जवारे बोए थे। बलवीर को जवारे चढ़ाने ग्राम छिरौना थाना चिरगांव जिला झांसी उत्तरप्रदेश जाना था। जवारे के घट ले जाने के लिए पड़ोस में ही रहने वाले ठाकुरदास जाटव से ट्रैक्टर लेकर चलने को कहा तो वह तैयार हो गया। टै्रक्टर-ट्रॉली जाने की वजह से बलवीर के परिवार सहित गांव के लोग भी सवार हो गए। ट्रैक्टर ठाकुरदास ही चलाकर ले गया। बताया जाता है कि छिरौना गांव से पहले पडऩे वाली मोड़ पर ट्रैक्टर के सामने गाय आ गई। गाय को बचाने के प्रयास में चालक का संतुलन बिगड़ गया और ट्रैक्टर – ट्रॉली सडक़ किनारे गहरी खाई में पलट गई। खाई में पानी भरा होने से सभी उसमें डूब गए। गांव के लोगों ने जैसे – तैसे सभी को बाहर निकाला और मेडिकल कॉलेज पहुंच गया। इस दौरान सात महिलाओं तथा चार बच्चों की मौत हो गई।
इनकी हुई मौत

पुष्पा देवी (40) पत्नी जानकी, मुन्नी देवी (40) पत्नी स्व. मोतीलाल, सुनीता बाई (38) पत्नी रवींद्र कुमार, पूजा देवी (25) पत्नी अनिल, राजो (45) पत्नी स्व. कैलाश, प्रेमवती (५०) पत्नी जसमन, कुसुमा देवी (55) पत्नी मनीराम, करस्या (10) पुत्री अनिल कुमार, परी (1) पुत्री नीरू, अनुष्का (4) पुत्री बंटी, अवि (1.5) पुत्र पवन।
गांव में मातम, सन्नाटा पसरा

हादसे की खबर जैसे ही ग्राम पंडोखर में पहुंची तो पूरे गांव में मातम पसर गया। एक साथ सात महिलाओं और चार बच्चों की मौत की खबर ने सभी को हिला दिया। जिसे भी घटना के बारे में पता वह सुन कर सन्न रह गया। कलेक्टर संजय कुमार ने बताया कि सूचना मिलने पर तत्काल अनुविभागीय दंडाधिकारी भांडेर एवं पुलिस अधिकारी घटना स्थल की ओर रवाना हो गए हैं। मृतकों के पोस्टमॉर्टम करा कर शासन के नियमानुसार सहायता राशि के प्रकरण तैयार किए जाएंगे।
होश संभालने से पहले ही दुनिया से विदाई

छिरौना में हुई घटना दिल को झकझोर देने वाली है। इस हादसे में दो ऐसे मासूमों की मौत हुई है जिन्होने अभी ठीक से न दुनिया देखी थी और न होश संभाला था। हादसे में एक साल की परी पुत्री नीरू तथा डेढ़ साल के अबी उर्फ गुल्टू पुत्र पवन की जान चली गई।
मन्नत में बाधा बनी मौत

ग्राम छिरौना में कोई शीतल भगत जी हैं जिनके यहां दरबार लगता है। इस दरबार में परिवार के लोगों ने मनौती मांगी थी कि यदि पवन के पुत्र होगा तो वह बारी चढ़ाने आएंगे। पवन के पुत्र भी हुआ और वह करीब डेढ़ साल हो गया था। इसी खुशी में बलवीर ने जवारे बोए थे। शुक्रवार को मन्नत उतारने के लिए परिवार व गांव के लोग छिरौना जा रहे थे, लेकिन मौत ने रास्ता रोक लिया।
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