डॉ.पीके शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, दूध, दही व मिठाई के जो नमूने फेल हुए हैं। उन दुकानदारों को एडीएम कोर्ट में पेश करेंगे, यहां से मौका मिलता है तो रैफरल लैब नमूने जाएंगे।
इन दुकानों के फेल नमूूने
इंदरगढ़ के बालाजी स्वीट्स, भांडेर के रावतपुरा मिष्ठान भंडार के मिठाई के, इंदरगढ़ के रामबाबू दूध डेयरी, सेंवढ़ा की मनोज टी स्टाल के दूध के, भगुआपरा के मायाराम राठौर, लांच के सीताराम सिहारे व आतकदास डेयरी के मावा, दही के सेंवड़ा स्थित अग्रवाल मिष्ठान भंडार व सरसों तेल के भांडेर के अभिषेक किराना का नमूना फेल हुए हैं।
अपील का मौका
प्रक्रिया के तहत भोपाल की प्रयोगशाला से नमूनों की रिपोर्ट तो आ गई पर अब इन कारोबारियों को नोटिस जारी किया जा रहा है। उन्हें एडीएम कोर्ट में पेश होना पड़ेगा। यदि वे रैफरल लैब में अपने नमूनों का परीक्षण कराना चाहेंगे तो उन्हें एक माह का मौका मिलेगा। इन नमूनों को मैसूूर स्थित प्रयोगशाला में भेजा जाएगा।
इंदरगढ़ के बालाजी स्वीट्स, भांडेर के रावतपुरा मिष्ठान भंडार के मिठाई के, इंदरगढ़ के रामबाबू दूध डेयरी, सेंवढ़ा की मनोज टी स्टाल के दूध के, भगुआपरा के मायाराम राठौर, लांच के सीताराम सिहारे व आतकदास डेयरी के मावा, दही के सेंवड़ा स्थित अग्रवाल मिष्ठान भंडार व सरसों तेल के भांडेर के अभिषेक किराना का नमूना फेल हुए हैं।
अपील का मौका
प्रक्रिया के तहत भोपाल की प्रयोगशाला से नमूनों की रिपोर्ट तो आ गई पर अब इन कारोबारियों को नोटिस जारी किया जा रहा है। उन्हें एडीएम कोर्ट में पेश होना पड़ेगा। यदि वे रैफरल लैब में अपने नमूनों का परीक्षण कराना चाहेंगे तो उन्हें एक माह का मौका मिलेगा। इन नमूनों को मैसूूर स्थित प्रयोगशाला में भेजा जाएगा।
हर रोज दो लाख लीटर की खपत
जिले की आबादी साढ़े आठ लाख के करीब है। एक अनुमान के मुताबिक हर व्यक्ति औसतन ढाई सौ एमएल दूध का इस्तेमाल करता है। इस हिसाब से दूध की खपत करीब ढाई लाख लीटर है। जिले में दूध का उत्पादन कहीं ज्यादा है। हर महीने जिले में करीब 30 क्ंिवटल मावे की खपत है।
जिले की आबादी साढ़े आठ लाख के करीब है। एक अनुमान के मुताबिक हर व्यक्ति औसतन ढाई सौ एमएल दूध का इस्तेमाल करता है। इस हिसाब से दूध की खपत करीब ढाई लाख लीटर है। जिले में दूध का उत्पादन कहीं ज्यादा है। हर महीने जिले में करीब 30 क्ंिवटल मावे की खपत है।