पिपरौआ गांव निवासी 70 वर्षीय शिवकुंवर सालों से पेट दर्द से पीडि़त थी। साथ ही उनका पेट बढक़र काफी बढ़ा हो गया था। परिजनों ने उन्हें शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में दिखाया। विभागाध्यक्ष डॉ.श्वेता यादव ने भर्ती कर उपचार करने का भरोसा दिलाया। अस्पताल में उपलब्ध सीटी स्केन जांच से महिला के अंडाशय में लगभग 30गुना 25 सेंटीमीटर की रसौली (ट््यूमर)के बारे में पता चला। साथ ही मरीज को खून की अत्यधिक कमी होने की वजह से आपरेशन में खतरा बढ़ गया। ऑपरेशन से पहले मरीज को खून की 4 यूनिट चढ़ाने के बाद विभागाध्यक्ष डॉ .श्वेता यादव ने टीम के साथ ऑपरेशन कर 12 किलो वजनी ओवेरियन ट््यूमर निकाल दिया। एनेशस्थीसिया विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मंजुलता शाक्य एवं डॉ. रवनीत ने इतने जोखिम वाले आपरेशन में मरीज को सफल एनेस्थीसिया दिया। आपरेशन टीम में डॉ. अंशिका अग्रवाल, नर्सिंग स्टाफ दीक्षा एवं ज्योति शामिल रहीं।
डॉ . यादव ने बताया कि ओवरी में ट््यूमर सभी उम्र की महिलाओं को हो सकता है परन्तु सभी ट््यूमर में ऑपरेशन की आवश्यकता नहीं होती है। ऑपरेशन की जरूरत केवल उन्हीं परिस्थितियों में होती है जब या तो ट््यूमर बहुत बड़ा हो या मरीज की उम्र बहुत कम या अधिक हो तो महिलाओं को ओवरी का केंसर की संभावना होती है।