महिलाएं अपने छोटे बच्चों को स्तनपान करा सकें इसके लिए महिला एवं बाल विकास ने आंचल कक्ष के लिए जगह निर्धारित की थी। दतिया, भांडेर और बसई में बस स्टैंड पर आंचल कक्ष के लिए जगह निर्धारित की गई थी। महिला एवं बाल विकास विभाग की इस पहल को खुद लोगों ने ही पलीता लगा दिया। बस स्टैंडों पर बने आंचल कक्ष बदहाल होने से महिलाओं को अपने बच्चों को स्तनपान कराने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बाहर ताला, अंदर पड़ा था कचरा
दतिया. पत्रिका ने शनिवार को दतिया बस स्टैंड पर बने आंचल कक्ष की स्थिति देखी। आंचल कक्ष के बाहर और अंदर स्तनपान कराने के फायदों के संबंध में दीवार लेखन कराया गया है। दीवार लेखन तो यथावत है लेकिन स्तनपान कक्ष के गेट अक्सर लगे रहते हैं। पत्रिका टीम ने आंचल कक्ष का गेट खोल कर देखा तो उसके अंदर गंदगी का अंबार था। कचरे के ढेर के बीच महिलाएं अपने बच्चों को स्तनपान करा सकें यह संभव ही नहीं है।