दतिया

मम्मी-पापा ही मंगवा रहे थे बच्चों से भीख

माता-पिता ही अपने बच्चों के हाथों भीख मंगवा कर उनका भविष्य खराब कर रहे हैं। इसी तरह के 15 बच्चों को बाल संरक्षण अधिकारी की टीम ने मां पीतांबरा मंदिर क

दतियाSep 19, 2017 / 11:08 pm

monu sahu

दतिया. अनाथ बच्चों को भीख मांगना तो उनकी मजबूरी होती है। उन्हें इसी पैसे व खाना-पीना से अपना पेट भरना होता है पर जिन बच्चों के माता-पिता हों और वे पढ़ाई -लिखाई की उम्र में भीख मांग रहे हों ये तो अभिभावकों के लिए शर्म की बात है पर जिले में ऐसा किया जा रहा है। माता-पिता ही अपने बच्चों के हाथों भीख मंगवा कर उनका भविष्य खराब कर रहे हैं। इसी तरह के 15 बच्चों को बाल संरक्षण अधिकारी की टीम ने मां पीतांबरा मंदिर के बाहर से पकड़ लिया।
भिक्षावृति पर रोक लगाने के लिए महिला सशक्तिकरण विभाग ने अभियान चला रखा है। इसमें भीख मांगने वाले बच्चों को सार्वजनिक स्थलों से पकड़कर उन्हें बाल कल्याण समिति के माध्यम से शिशु या बाल गृहों में भेजने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए हैं। इसी कड़ी में महिला सशक्तिकरण अधिकारी अरविंद उपाध्याय के निर्देश पर बाल कल्याण अधिकारी धीर ङ्क्षसंह कुशवाहा अपनी टीम के साथ शनिवार की सुबह पीतांबरा मंदिर जा पहुंचे। सुबह करीब छह बजे टीम ने मोर्चा संभाल लिया। पड़ताल करने पर यहां से सात लड़कियों व आठ लड़कों को श्रद्धालुओं से भीख मांगते हुए पकड़ लिया। उन्हें तत्काल विशेष किशोर पुलिस इकाई के सहयोग से बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया । जैसे ही उनसे पूछताछ की गई तो आठ साल से 16 साल तक के बच्चों ने न केवल अपने मां-बाप के नाम बताए बल्कि उन्हें घर से भी बुलवा लिया।
चेतावनी दी फिर किया सुपुर्द
शनिवार की सुबह से करीब तीन बजे तक चली कार्रवाई में सभी 15 बच्चों के अभिभावकों को बुलाया गया। बाल कल्याण समिति के सदस्यों तन्मय मिश्रा, प्रशांत भट्ट व सीपी तिवारी ने उनसे पूछताछ की । साथ ही उन्हें बच्चों को दोबारा भीख न मांगने देने की चेतावनी दी गई और बच्चों को उनके माता-पिता को सौंप दिया। चेताया कि अगर दोबारा उन्होंने बच्चों से भीख मंगवाई तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जारी रहेगी कार्रवाई
बच्चों को भिक्षावृति से निजात दिलाने के लिए अभियान चल रहा है। इसी के तहत शनिवार को पीतांबरा मंदिर से 15 बच्चों को भीख मांगते हुए पकड़ा है। उन्हें बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया । यहां से उन्हें परिजनों को सौंप दिया गया है।
धीर सिंह कुशवाहा, बाल संरक्षण अधिकारी
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