शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त शिक्षक राकेश बाबू तिवारी का एरियर का बकाया था। इसके लिए उन्होंने कई बार हायर सैकेंड्री स्कूल नंबर दो में पदस्थ क्लर्क चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव के चक्कर लगाए लेकिन एरियर संबंधी काम नहीं हुआ। शिक्षक के बेटे अनूप तिवारी ने भी क्लर्क से कई बार गुहार लगाई कि वो एरियर की रािश निकलवा दे लेकिन इसके लिए बाबू ने कागजी कार्रवाई नहीं की। बल्कि इस एवज ने चंद्रप्रकाश ने दस हजार रुपए रिश्वत की मांग की। सौदा पांच हजार रुपए में पटा। लेकिन अनूप ने क्लर्क को सबक सिखाने की ठान ली और उन्होंने मामले की शिकायत ग्वालियर मोतीमहल स्थित लोकायुक्त कार्यालय में की। शिकायत के आधार पर पुलिस ने उसे विस्तार से समझा दिया और तय वक्त पर रिश्वत की रकम देने को कहा।
सोमवार की शाम अनूप ने बाबू चंद्रप्रकाश को रिश्वत के कलर लगे हुए पांच हजार रुपए उसके आवास पर दिए और आसपास खड़ी लोकायुक्त पुलिस की टीम ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया। चंद्रप्रकाश के घर पर जब उन्हें ट्रेप किया गया तो परिजनों ने इसका विरोध किया इसलिए पुलिस टीम उन्हें लेकर कोतवाली पहुंची। यहां उसके हाथ धुलाए गए तो पानी लाल हो गया इसके साथ ही रिश्वत के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। लोकायुक्त पुलिस के डीएसपी प्रद्युम्न पाराशर के नेतृत्व में हुई कार्रवाई के दौरान इंस्पेक्टर राजीव गुप्ता, आराधना डेविस समेत हवलदार धनंजय पांडे, कांस्टेबल विश्म्भर सिंह, जसवंत सिंह, सुरेंद्र सैमिल, बलवीर सिंह, क्षीरसागर और कलेक्टर द्वारा नियुक्त दो राजपत्रित अधिकारी डॉ विवेक देवलिया और राजीव पांडे मौजूद थे।