कलेक्टर संजय कुमार, अपर कलेक्टर एके चांदिल, उपायुक्त विकास व एसीइओ जिला पंचायत धनंजय मिश्रा, एसडीएम अशोक सिंह चौहान सोमवार की सुबह करीब साढे छह बजे पैदल ही बाजार में निकल पड़े। बिना वजह घूम रहे लोगों को टोकते हुए जब टाउनहॉल पहुंचे तो पाया कि एक मां-बेटी डलिया रखकर सब्जी बेच रही थीं। कलेक्टर ने उन्हें चलते-फिरते सब्जी बेचने को कहा तो उनकी आंखों में आंसू छलक पड़े। लडक़ी ने बताया कि उसके पिता नहीं है। सब्जी बेचकर ही रोजी-रोटी का जुगाड़ होता है। इस पर कलेक्टर ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए सारी सब्जी खुद ही खरीद ली। मारे डर के दोनों ने सब्जी की कीमत 50 रुपए बताई पर कलेक्टर ने उन्हें पांच सौ रुपए देकर घर जाने को कहा।
टाइफाइड के अलावा इलाज तो खैर नहीं श हर की गलियों में घूमते हुए अधिकारी तलैया मोहल्ला पहुंचे। यहां अमिताभ बच्चन नामक चिकित्सक यूनानी विधि से इलाज कर रहा था। तीन दर्जन से ज्यादा मरीज व परिजन मौजूद भी थे। कलेक्टर ने कथित चिकित्सक को समझाया कि कोरोना संक्रमण काल में खांसी, बुखार, जुकाम का इलाज न करें वरना खैर नहीं। अमिताभ ने बताया कि वह तो केवल मोतीझरा का इलाज करता है।