दारू खुलेआम बिक रही दूध की दुकानें बंद करा दीं
प्रशासन द्वारा नौ बजे के स्थान पर सुबह साढ़े सात बजे ही दुकानें बंद कराए जाने से लोग विरोध में आ गए। इस दौरान लोगों ने प्रशासन के अधिकारियों को जमकर कोसा और विरोध प्रदर्शित किया। हालांकि लोगों का प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और स्थिति नियंत्रण में रही। लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए भी प्रशासन की कार्यशैली का विरोध जताया। कुछ लोगों ने प्रतिक्रिया दी कि दूध पीते बच्चे पांच दिन क्या पिएंगे साहब। एक युवक का कहना था कि शहर में दारू खुलेआम बिक रही है। दूध की दुकानें बंद करा दी हमारे बच्चे क्या करेंगे। दूध की दुकानें खुलवाई जाएं।
दूध की दुकानें बंद कराने पर लोगों की प्रतिक्रिया उन दूध वालों की एक लिस्ट जरूर डाली जाए जो उन लोगों के घर दूध की होम डिलीवरी करेंगे जो प्रतिदिन पांच से दस रुपए का दूध ले पाते हैं।
अमित के शर्मा
पुलिस और प्रशासन की हिटलरशाही व तानाशाही चल रही है। नौ बजे से पहले ही रास्ता रोककर खड़े हो जाते हैं और गाडिय़ों की हवा निकाल दी जाती है।
रिंकू बुंदेला
प्रशासन को दूध की सप्लाई नहीं रोकना चाहिए, क्योंकि दूध के बिना तो जीवन चल ही नहीं सकता जो लोग दुकान से दूध लेते हैं उन्हें तो बहुत परेशानी होगी।
संजीव तिवारी