हादसे से नहीं लिया सबक, फिर तोड़ी दुकानें
दतियाPublished: Jan 08, 2023 08:50:42 pm
रविवार को ठेकेदार द्वारा बग्गीखाना के बाहर दुकानें व गेट तोडऩे का मामला रहा चर्चा का विषय


हादसे से नहीं लिया सबक, फिर तोड़ी दुकानें
हादसे से नहीं लिया सबक, फिर तोड़ी दुकानें
दतिया। बग्गीखाना में खुदाई के दौरान दुकान गिरने से तीन लोगों के घायल होने का मामला अभी थमा ही नहीं था कि रविवार को फिर दुकानें तोड़ी गईं। दुकानों के साथ बग्गीखाना के ऐतिहासिक गेट को भी तोड़ दिया गया।रविवार को दुकान और गेट तोड़े जाने से फिर एक बड़ी अनहोनी टल गई।
उल्लेखनीय हैकि बग्गीखाना में पुर्नघनत्वीकरण योजना के तहत निर्माण कार्य चल रहा है। निर्माण कार्य के लिए बग्गीखाना के बाहर बनी दुकानों को तोड़ा जाना है। बुधवार को रात के समय काम के दौरान एक दुकान भरभरा गिर पड़ी थी जिसमें दुकानदार सहित तीन लोग घायल हुए थे। तीन लोगों के गंभीर घायल होने से राजनैतिक माहौल गर्म है। कांग्रेस और आप प्रदर्शन कर चुकी है और घायलों को मुआवजा देने व ठेकेदार पर एफआईआर की मांग की जा रही है वहीं कलेक्टर ने मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय जांच समिति बनाईहै। यह मामला शांत होता इससे पहले ही शनिवार को रात के समय बग्गीखाना के बाहर फिर चार दुकानों और ऐतिहासिक गेट को तोड़ दिया गया।
बिना शिफ्ट किए तोड़ी दुकानें
हादसे के बाद निर्माण एजेंसी और व्यापारियों के बीच यह सहमति बनी थी कि पहले दुकानदारों को शिफ्ट किया जाएगा उसके बाद दुकानों को तोड़ा जाएगा।लेकिन शनिवार देर रात चार दुकानों को तोड़ दिया गया।दुकानें टूटने के बाद भी दुकानदार शासन - प्रशासन और ठेकेदार के रसूख के आगे कुछ बोल नहीं पा रहे हैं।
आधी रात को तोड़ी दुकानें
ठेकेदार द्वारा आधी रात को दुकानों को तोड़ा गया। जिन दुकानदारों की दुकानें तोड़ी गईं उन्हें न तो उन्हें पहले शिफ्ट किया गया और न ही दुकानदारों को दुकान खाली करने का समय दिया गया। दुकानें टूटने के बाद कई दुकानदारों का लाखों रुपए का सामान मलबे में दब गया।इससे व्यापारियों को आर्थिक और मानसिक क्षति हुई है।
अनहोनी की आशंका
बग्गीखाना के बाहर चार दुकानें और गेट तोडऩे तथा एक दुकान गिर जाने के बाद अन्य दुकानें गिरने की भी आशंका बनी हुई है। इससे कभी भी कोईअनहोनी हो सकती है। टूटने से शेष बची दुकानों में भी लाखों रुपए का सामान रखा है। व्यापारी अनहोनी की आशंका से घिरे हुए हैं। उल्लेखनीय है कि हादसे का शिकार और तोड़ी गई दुकानों में लाखों रुपए का सामान मलबे में दबा हुआ है।
दुकानदारों को नहीं मिला समय
बग्गीखाना के बाहर दुकानें तोडऩे में पूरी तरह मनमानी की जा रही है। हादसे के बाद और शनिवार की रात दुकानें तोडऩे से पहले दुकानदारों को सामान निकालने का भी समय नहीं दिया गया। जबकि दुकानदारों को सामान निकालने का समय दिया जाना चाहिए था। व्यापारी दबाव की बजह से कुछ नहीं बोल पा रहे।