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दो सौ साल से हो रहा था मेला, इस बार नहीं

locationदतियाPublished: Mar 23, 2020 11:01:17 pm

दतिया के विजयकाली पीठ पर कोरोना वायरस का असर
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दो सौ साल से हो रहा था मेला, इस बार नहीं

दतिया. करीब दो सौ साल में यह पहला मौका होगा जब विजय काली पीठ (बड़ी माता ) पर वार्षिक मेला आयोजित नहीं होगा। कोरोना वायरस के संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा लागू की गई धारा १४४ के मद्देनजर और मंदिर बंद कराए जाने की वजह से इस बार मेले का आयोजन नहीं हो रहा है।
बड़ी माता को शहर में कुल देवी के रूप में पूजा जाता है। प्रतिदिन मंदिर पर काफी संख्या में महिलाएं जलाभिषेक करने जाती हैं और पुरुष श्रद्धालु दर्शन करने जाते हैं। नवरात्रि में यह संख्या हजारों में पहुंच जाती है। इसके अलावा साल में दोनों नवरात्रि में मेले का आयोजन होता है। मेले में नौ दिनों तक दुकानदारों द्वारा रोजमर्रा के सामान सहित खानपान की दुकानें लगाईजाती हैं। लेकिन इस बार कोराना वायरस के संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है।
१८२० – १८३० में हुई थी स्थापना
इतिहासकार रवि ठाकुर के अनुसार बड़ी माता की स्थापना सन १८२० – १८३० के बीच तत्कालीन नरेश विजय बहादुर सिंह जू देव ने कराई थी।जू देव की पुत्री को चेचक होने के कारण तांत्रिक हिमकर ओझा ने उन्हें विजय काली की स्थापना कराने के लिए कहा था।माता की स्थापना के बाद उनकी पुत्री ठीक हो गईथीं। तभी से मंदिर की विशेष मान्यता है और मंदिर पर वार्षिक मेले का आयोजन होता है।
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