जिगना मौजे में किसान उमेश मिश्रा के खेत में गेहूं की फसल खड़ी हुई थी। सोमवार की दोपहर हार्वेस्टर से फसल काटी जा रही थी कि हाइटेंशन लाइन की ऊंचाई कम होने से हार्वेस्टर का ऊपरी हिस्सा टकरा गया। बिजली के तार से निकली चिंगारी फसल पर गिरी और देखते ही देखते फसल जलने लगी। आग से करीब दस बीघा की फसल जलकर राख हो गई। आग लगने की सूचना ग्रामीणों ने बड़ौनी दमकल को दी पर वह आधे घंटे तक मौके पर नहीं पहुंची और दस बीघा की फसल जल गई। आग में करीब 80 क्ंिवटल गेहूं की फसल जल गई। इसकी कीमत डेढ़ लाख रुपए आंकी गई है। राजस्व अधिकारियों ने ग्रामीणों का फोन रिसीव नहीं किया। मजबूरी में लोगों ने जिला पंचायत के एसीईओ धनंजय मिश्रा को फोन किया तो उन्होंने ग्राम पंचायत के सचिव दीपक भार्गव, पटवारी देवेन्द्र शर्मा व एएसआई महेश श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे। मामले की सूचना जब पटवारी ने बड़ौनी नायब तहसीलदार गोविंद सिंह को दी तो उन्होंने यह कहते हुए संदेह जाहिर किया कि आग नरवाई में लगी है। हैरानी की बात तो यह है कि पटवारी की रिपोर्ट नहीं मानी, जबकि साफ जाहिर हो रहा है कि आग में गेहूं जला है न कि केवल नरवाई।